Prashant Kishor On Congress: 9 घंटे का प्रजेंटेशन, लीडरशिप के फॉर्मूले से राहुल-प्रियंका OUT... PK ने बताया- कांग्रेस से क्यों बिगड़ी बात?
AajTak
Prashant Kishor On Congress: प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की तमाम अटकलें फिलहाल खारिज हो गई हैं. आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस पीके को पार्टी में शामिल करना चाहती थी, लेकिन बात नहीं बनी.
2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल करना चाहती थी, लेकिन PK के कांग्रेस में शामिल होने की सभी अटकलों पर विराम लग चुका है. कांग्रेस ने एक समिति का गठन किया था. पार्टी पीके को इसका सदस्य बनाना चाहती थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया.
दरअसल, पीके चाहते थे कि उनके बताए सुझावों पर 10 दिनों के अंदर काम शुरू हो जाए. इसमें कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति, महासचिव प्रियंका गांधी का पार्टी में रोल और संसदीय बोर्ड का पुनर्गठन शामिल था. सूत्र के मुताबिक पीके की शर्तें कांग्रेस कमेटी को मंजूर नहीं थीं. इन तमाम चर्चाओं के बीच आजतक ने अपने कार्यक्रम 'थर्ड डिग्री' में पीके से खास बातचीत की. इस दौरान प्रशांत किशोर ने बताया है कि आखिर क्यों कांग्रेस के साथ बनते-बनते उनकी बात बिगड़ गई.
सिर्फ सोनिया ने देखा 9 घंटे का प्रजेंटेशन
पीके ने बताया कि 3 बैठके हुईं. इसमें राहुल गांधी भी मौजूद थे. उन्होंने और पार्टी के दूसरे नेताओं ने उनके सुझावों का स्वागत किया था. उन्होंने बताया कि उन्होंने करीब 9 घंटे का प्रजंटेशन दिया, लेकिन सोनिया गांधी के अलावा किसी ने भी इसे पूरा नहीं देखा. प्रशांत किशोर की तरफ से ये नहीं बताया गया कि किसे कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी देनी चाहिए. प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस को किसी पीके की जरुरत नहीं है. उन्होंने कहा कि मीडिया मुझे जरुरत से ज्यादा बड़ा बनाकर दिखा रही है. मेरा कद, किरदार इतना बड़ा नहीं है कि राहुल गांधी मुझे भाव दें.
लीडरशिप के फॉर्मूले में न राहुल न प्रियंका
आज तक के खास कार्यक्रम 'थर्ड डिग्री' में पीके ने बताया कि कांग्रेस को दिए लीडरशिप के फॉर्मूले में न राहुल गांधी थे, न प्रियंका वाड्रा. प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस को पहले ही बता दिया था कि पांच राज्यों में उनकी कोई संभावना नहीं है. पीके से जब पूछा गया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी को कौन चैलेंज करेगा तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.