Power Crisis: नफरत का बुलडोजर बंद कर बिजली संयंत्र चलाना शुरू करें, राहुल ने पीएम मोदी को दी नसीहत
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कांग्रेस और आम आदमी पार्टी नेताओं ने मौजूदा बिजली संकट के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली संयंत्रों को कोयला आपूर्ति के लिए रसद सहायता प्रदान नहीं की जा रही है.
देश के कई राज्य बिजली संकट से जूझ रहे हैं. विपक्षी दलों ने थर्मल प्लांटों में कोयले की कमी को लेकर केंद्र को जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार को घृणा का बुलडोजर चलाना बंद कर बिजली संयंत्र चलाना शुरू कर देना चाहिए. उन्होंने कहा मैंने यह बात 20 अप्रैल 2022 को मैंने मोदी सरकार से कही थी, आज पूरे देश में कोयले और बिजली के संकट ने तबाही मचा दी है.
नष्ट हो जाएंगे छोट उद्योग
राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा,' मैं फिर से कह रहा हूं यह संकट छोटे उद्योगों को नष्ट कर देगा, जिससे बेरोजगारी और बढ़ेगी. छोटे बच्चे इस भीषण गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर सकते. अस्पतालों में भर्ती मरीजों की जिंदगी दांव पर है. रेल, मेट्रो सेवाएं को रोकने से आर्थिक नुकसान होगा. उन्होंने हैशटैग "#BJPFailsIndia" का इस्तेमाल करते हुए पूछा, 'मोदी जी, क्या आपको देश और लोगों की परवाह नहीं है.
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कई प्लांट्स में बचा 1 दिन का कोयला
दिल्ली के ऊर्जा मंत्री संत्येंद्र जैन ने कहा कि कोयले की भारी कमी का मुख्य कारण पर्याप्त संख्या में रेक की कमी थी. उन्होंने कहा कि रेलवे रेकों की संख्या बढ़ाने के बजाय 450 से घटाकर 405 कर दी गई है. उन्होंने दावा किया कि दादरी और ऊंचाहार सहित बिजली संयंत्रों में केवल एक दिन का कोयला भंडार था जो आमतौर पर 21 दिनों के लिए होना चाहिए. दिल्ली में बिजली आपूर्ति कभी भी बाधित हो सकती है. खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्थिति को किसी तरह संभाला जा रहा है. वहीं एनटीपीसी ने ट्वीट किया कि दिल्ली को बिजली देने वाले ऊंचाहार और दादरी पावर संयंत्र पूरी क्षमता से चल रहे हैं और लगातार कोयले की आपूर्ति कर रहे हैं.
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