PoK में हिंदुस्तान के खिलाफ रची जा रही बड़ी साजिश, केंद्र सरकार ने J-K के लिए बनाई खास रणनीति
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खुफिया जानकारी मिली है कि पीओके में हिंदुस्तान के खिलाफ बड़ी साजिश रची जा रही है. हालांकि, भारत ने पाकिस्तान का वो हथकंडा बेअसर कर दिया है, जिसमें वो आतंकवाद का इस्तेमाल भारत को बातचीत की मेज पर लाने के लिए कर रहा था. अब दिल्ली में जम्मू और कश्मीर को लेकर एक खास रणनीति बनाई जा रही है.
साल 2023 के आखिर में जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली की कोशिशों को एक बड़ा झटका लगा. 21 दिसंबर को राजौरी में आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला कर दिया. इस हमले में 4 जवान शहीद हो गए. इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी का दौरा किया. सेना को सतर्क और मुस्दैत रहने की हिदायत दी. अब गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में पुंछ-राजौरी से लेकर कश्मीर घाटी तक आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की बड़ी रणनीति बन रही है. यह सब उस खुफिया जानकारी के आने के बाद किया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि पीओके में आईएसआई भारत के खिलाफ एक बड़ी साजिश रच रहा है.
खुफिया जानकारी के मुताबिक, सीमा पार यानी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकी कमांडरों के साथ एक बड़ी साजिश रचने में जुटी है. वो जम्मू-कश्मीर में 600 से ज्यादा सोशल मीडिया के फेक अकाउंट सक्रिय करने में लगे हैं. इन अकाउंट के जरिए पाकिस्तान प्रयोजित प्रोपेगेंडा प्रसारित करने की कोशिश की जाएगी. वहां के नौजवानो को बरगला कर आतंक को भड़काने की कोशिश होगी. इस पर भारत के सरकारी एजेंसियों की कड़ी नजर है. बहुत जल्दी ही इसके खिलाफ बड़ा कदम उठाया जा सकता है. इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय एक बड़ी योजना पर काम कर रहा है, जो पाक प्रायोजित आतंक को खत्म कर देगा.
पिछले कुछ महीनों के अंदर आतंकवादी जम्मू-कश्मीर के राजौरी के पहाड़ी इलाके में कई बार भारतीय सुरक्षा बलों पर आतंकी हमला कर चुके हैं. राजौरी के 12 किलोमीटर में मौजूद प्राकृतिक गुफाओं को आखिर आतंकवादी कैसे पनाहगाह बना रहे हैं, इस पर सुरक्षा एजेंसियों से विस्तृत रिपोर्ट ली गई है. हालांकि, अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में भारी कमी आई है. गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में 228 आतंकी घटनाएं हुई तो वहीं साल 2023 में सिर्फ 44 आतंकी घटनाएं हुई हैं.
आतंक पर गृह मंत्रालय की जीरो टॉलरेंस नीति
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 में 189 आतंकी एनकाउंटर हुए तो 2023 में सिर्फ 48 आतंकियों के साथ एनकाउंटर हुए. साल 2018 में पत्थरबाजी की 1221 घटनाएं हुईं तो 2023 में ये शून्य पर आ गईं. वहीं, संगठित हड़ताल जो 2018 में 52 थी, वो 2023 में सिर्फ जीरो है. गृह मंत्रालय की कोशिश है कि आतंक पर जीरो टॉलरेंस की नीति को और प्रभावी ढंग से लागू किया जाए. लेकिन इसमें सबसे बड़ी चुनौती पाकिस्तानी आतंकी है, जो इस वक्त जम्मू-कश्मीर में करीब 66 संख्या में मौजूद हैं.
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