PM Narendra Modi के होटल के सामने सुरक्षा के तगड़े इंतजाम, देखें कैसा है नजारा
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भारत और अमेरिका की दोस्ती का दम अब पूरी दुनिया देखने वाली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका पहुंच गए हैं जहां पहले दिन कम से कम आठ बैठकों में वो शामिल होने वाले हैं. वहीं शुक्रवार को राष्ट्रपति जो बाइडेन से उनकी मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर है. आसमान बादलों से ढका था, मगर प्रवासी भारतीयों का जोश बादल तो क्या आसमान से भी ऊंचा था. रिमझिम फुहारों से मौसम ठंडा था मगर काफिला रोककर अपने देशवासियों से मिलने का ये जोश और पीएम मोदी के स्वागत में प्रवासियों की ये गर्मजोशी मौसम में गर्माहट घोल रही थी. एयरपोर्ट से पीएम के स्वागत का जो सिलसिल शुरू हुआ वो उस विलार्ड होटल के बाहर भी जारी रहा जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ठहरने का इंतजाम है. आज का दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए जितना व्यस्त रहने वाला है, उतना ही ये भारत और दक्षिण एशिया के लिए भी अहम साबित होगा. इस वीडियो में देखें विलार्ड होटल की सुरक्षा जहां पीएम मोदी और भारतीय दल ठहरा हुआ है.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.