PM मोदी, मोहन भागवत... राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के वक्त गर्भगृह में मौजूद रहेंगे ये 5 लोग
AajTak
सूत्रों के मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत और मंदिर के आचार्य (मुख्य पुजारी) मौजूद रहेंगे.
अयोध्या में श्रीराम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. अयोध्या का चप्पा-चप्पा सजाया जा रहा है. श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इस भव्य कार्यक्रम के आयोजन के वक्त गर्भगृह में सिर्फ 5 लोग ही शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत और मंदिर के आचार्य (मुख्य पुजारी) मौजूद रहेंगे.
जानकारी के मुताबिक मूर्ति के चयन को लेकर आज ट्रस्ट की बैठक का आयोजन किया गया था. इस अहम बैठक में नृपेंद्र मिश्रा, चंपत राय, वासुदेवानंद सरस्वती, स्वामी परमानंद, राजा अयोध्या विमलेंद्र मोहन मिश्रा और महंत जिनेंद्र दास मौजूद रहे.
वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ आज अयोध्या के दौरे पर हैं. CM योगी के साथ प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद भी थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का काफिला हनुमानगढ़ी राम जन्मभूमि के लिए रवाना हो गया है. सीएम योगी राम मंदिर निर्माण का भी निरीक्षण करेंगे. साथ ही राम जन्मभूमि पर भक्ति पथ का भी निरीक्षण करेंगे. इस दौरान सीएम योगी अयोध्या एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन जनसभा स्थल का भी निरीक्षण करेंगे.
16 जनवरी से शुरू हो जाएगा प्राण प्रतिष्ठा समारोह
बता दें कि 7 दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह 16 जनवरी से शुरू होगा. 16 जनवरी को विष्णु पूजा एवं गौदान होगा. इसके बाद 17 जनवरी को रामलला की मूर्ति को नगर भ्रमण के लिए ले जाया जाएगा और राम मंदिर ले जाया जाएगा. 18 जनवरी भगवान गणेश का पूजन होगा. साथ ही वरुण देव पूजा और वास्तु पूजा भी होगी. 19 जनवरी को हवन अग्नि प्रज्वलित की जाएगी और हवन किया जाएगा. 20 जनवरी को वास्तु पूजा होगी. 21 जनवरी को राम लला की मूर्ति को पवित्र नदियों के पवित्र जल से स्नान कराया जाएगा. जबकि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का भव्य आयोजन किया जाएगा.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.