
Pfizer-BioNTech कोविड-19 टीके की दो खुराकों के बीच लंबे अंतर से एंटीबॉडी का स्तर बढ़ता है : अध्ययन
NDTV India
शेफील्ड विश्वविद्यालय में संक्रामक बीमारी विषय के वरिष्ठ चिकित्सा प्रवक्ता एवं प्रमुख अनुसंधान पत्र लेखक डॉ.तुषाण डी सिल्वा ने कहा, ‘‘हमारा अध्ययन सार्स-सीओवी-2 टीके के बाद एंटीबॉडी और टी सेल प्रतिक्रिया का आकलन करता है, खासतौर पर रक्षा हेतु हो रही विभिन्न प्रक्रिया, जो संभवत: वायरस के नए स्वरूप से रक्षा कर सकती है.’’
कोविड-19 से प्रतिरक्षण के लिए फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BioNTech) द्वारा तैयार टीके की पहली और दूसरी खुराकों में लंबा अंतर रखने से मजबूत एंटीबॉडी और टी सेल प्रतिरक्षण प्रणाली विकसित होती है. यह दावा ब्रिटिश अनुसंधानकर्ताओं ने किया है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (University of Oxford) के नेतृत्व में बर्मिंघम, न्यूकैसल, लीवरपूल और शेफील्ड विश्वविद्यालयों द्वारा और यूके कोरोना वायरस इम्यूनोलॉजी कंसोर्टियम के समर्थन से यह विस्तृत अध्ययन फाइजर टीके से उत्पन्न प्रतिरक्षण क्षमता पर किया गया है. स्वास्थ्य कर्मियों में कोविड-19 से बचाव के लिए विकसित टी सेल के आधार पर किए गए अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि टी सेल और एंटीबॉडी का स्तर पहली और दूसरी खुराक में अधिक अंतर रहने पर भी उच्च बना रहता है और यह उच्च स्तर दो खुराकों के बीच एंटीबॉडी के स्तर में उल्लेखनीय कमी आने के बावजूद रहता है. वैश्विक स्तर पर किए गए अध्ययन से इंगित होता है कि टीकाकरण की दो खुराकों के बीच अंतर कोविड-19 से वास्तविक रक्षा होती है और यह साबित करता है कि टीके की दूसरी खुराक की जरूरत है.More Related News