PF Interest Rate Slashed: कभी PF पर मिलता था 12% ब्याज, अब मोदी सरकार ने चलाई कैंची, इतना होगा नुकसान
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How To Calculate Interest on PF: भारत में PF की शुरुआत 1952 में हुई थी और तब इस पर बेहद मामूली ब्याज मिलता था. किसी भी एम्पलॉई की बेसिक सैलरी और डीए का 12 फीसदी हिस्सा पीएफ में जमा होता है. एम्पलॉयर की ओर से 3.67 फीसदी पीएफ खाते में जमा होता है.
PF Interest Rate Reduced: मोदी सरकार (MoDi Govt) ने होली से एक सप्ताह पहले नौकरी-पेशा लोगों को बड़ा झटका दे दिया है. नौकरी से रिटायर होने के बाद की सोशल सिक्योरिटी यानी पीएफ (PF) पर एक बार फिर से ब्याज दर कम हो चुकी है. इसे 8.5 फीसदी से घटाकर 8.1 फीसदी करने का फैसला लिया गया है. यह चार दशक से भी ज्यादा समय में पीएफ पर ब्याज दर (Interest Rate On PF) का सबसे निचला स्तर है. इससे पहले पीएफ पर ब्याज की सबसे कम दर 8 फीसदी 1977-78 में थी. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कभी पीएफ पर 12 फीसदी तक ब्याज मिला करता था. आइए जानते हैं कि होली का रंग फीका करने वाले इस फैसले से आपको कितना नुकसान होने वाला है.
जानें EPFO और PF का संक्षिप्त इतिहास
नुकसान जानने से पहले हम आपको इस सबसे बड़ी सोशल सिक्योरिटी का संक्षिप्त इतिहास बताने जा रहे हैं. हम आपको ये भी बताएंगे कि पीएफ पर मिलने वाले ब्याज को कैसे कैलकुलेट किया जाता है. ये चीजें जानने के बाद यह समझने में आसानी होगी कि पीएफ पर ब्याज दर को 8.5 फीसदी से घटाकर 8.1 फीसदी किए जाने से आपके फ्यूचर को कितना नुकसान होने वाला है.
शुरू में महज 3 फीसदी मिलता था ब्याज
नौकरी-पेशा लोगों की सोशल सिक्योरिटी के लिए भारत में 1952 में EPFO का गठन हुआ था. हालांकि तब पीएफ पर मिलने वाला ब्याज बेहद कम था. पीएफ पर ब्याज दर की शुरुआत महज 3 फीसदी के स्तर से हुई और इसके बाद लगातार इसे बढ़ाया गया. सबसे पहले 1955-56 में पीएफ पर ब्याज की दर को बढ़ाकर 3.50 फीसदी किया गया. आठ साल के अंतराल के बाद 1963-64 में इसे फिर से बढ़ाया गया और ब्याज दर 4 फीसदी हो गई. इसके बाद हर साल पीएफ की ब्याज दर को 0.25 फीसदी बढ़ाने की परंपरा बन गई.
इतने साल बाद 8 फीसदी के पार हुआ ब्याज
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