
Pegasus Project: दूसरे देशों की सरकारों ने जासूसी खुलासे पर क्या कहा?
The Quint
Pegasus Project: दस देशों में पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल पर बड़ा खुलासा हुआ है, भारत, हंगरी, रवांडा, मोरक्को ने पेगासस प्रोजेक्ट पर प्रतिक्रिया दी है, 10 countries using pegasus spyware revealed, india, hungary, rwanda and morocco reacts
दस देशों के मीडिया संस्थाओं और सैकड़ों पत्रकारों ने मिलकर पेगासस (Pegasus) स्पाइवेयर पर बड़ा खुलासा किया है. इस सॉफ्टवेयर के जरिए दुनिया भर की सरकारें पत्रकारों, कानून के क्षेत्र से जुड़े लोगों, नेताओं और यहां तक कि नेताओं के रिश्तेदारों की जासूसी करा रही हैं. निगरानी वाली लिस्ट में 1500 से ज्यादा नाम मिले. इस लिस्ट में 40 भारतीय पत्रकारों के नाम हैं. भारत , रवांडा समेत कई सरकारों ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. वहीं, कुछ देशों ने अभी चुप्पी साधी हुई है.फ्रांस की संस्था Forbidden stories और एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty international) ने मिलकर ये जानकारी जुटाई और फिर दुनिया के कुछ चुनिंदा मीडिया संस्थानों से शेयर की है. इस जांच को 'पेगासस प्रोजेक्ट' (Pegasus Project) नाम दिया गया है.भारतभारत सरकार ने 'पेगासस प्रोजेक्ट' के आरोपों से इनकार किया है. सरकार ने कहा कि सरकारी निगरानी के आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं है. भारत सरकार ने अपने बयान में कहा, "भारत एक मजबूत लोकतंत्र है, जो अपने सभी नागरिकों के निजता के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए, इसने पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2019 और आईटी नियम, 2021 को भी पेश किया है, ताकि सभी के निजी डेटा की रक्षा की जा सके और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूजर्स को सशक्त बनाया जा सके."सरकार ने कहा कि अतीत में भारत सरकार के WhatsApp पर पेगासस का इस्तेमाल करने के ऐसे ही दावे किए गए थे. उन रिपोर्ट्स में भी कोई तथ्य नहीं था और भारतीय सुप्रीम कोर्ट में WhatsApp समेत सभी पक्षों ने इसका खंडन किया था."इस प्रकार, ये न्यूज रिपोर्ट भी भारतीय लोकतंत्र और इसकी संस्थाओं को बदनाम करने के लिए एक कैंपेन प्रतीत होता है."भारत सरकारADVERTISEMENTहंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन का ऑफिसहंगरी एक लोकतांत्रिक देश है, जहां कानून का राज है और जब बात किसी व्यक्ति की आती है तो कानून के मुताबिक ही कार्रवाई की जाती है. हंगरी में जिन सरकारी संस्थाओं को खुफिया तरीकों का इस्तेमाल अधिकृत किया गया है, उन्हें सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएं मॉनिटर करती हैं. क्या आपने ऐसे ही सवाल अमेरिका, यूके, जर्मनी या फ्रांस की सरकारों को भेजे हैं? अगर आपने भेजे हैं तो जवाब आने में कितना समय लगा और उन्होंने कैसे जवाब दिया? क्या किसी इंटेलिजेंस सेवा ने सवा...More Related News