Padma Bhushan Award: गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण मिलने पर सोनिया गांधी ने दी बधाई, सामने आई सेरेमनी में न जाने की वजह
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गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण पुरस्कार मिलने के बाद कांग्रेस का एक धड़ा उन्हें लगातार निशाना बना रहा था. जयराम रमेश ने बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य के अवॉर्ड लौटाने की तारीफ करते हुए ट्वीट किया था. उन्होंने कहा था कि भट्टाचार्य ने सही किया, क्योंकि वह आजाद रहना चाहते हैं, गुलाम नहीं.
पद्म भूषण पुरस्कार से नवाजे गए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फोन कर बधाई दी है. सोमवार को पद्म अवॉर्ड बांटे गए थे. इस कार्यक्रम में गुलाम नबी आजाद को भी पद्म भूषण पुरस्कार मिला. इसके बाद सोमवार देर शाम सोनिया गांधी ने आजाद को फोन कर बधाई दी.
आमंत्रण के बाद भी सोनिया गांधी पद्म भूषण अवॉर्ड के कार्यक्रम में नजर नहीं आईं थीं. इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि आजाद को पद्म भूषण मिलने पर हाईकमान की रजामंदी नहीं है. इस बात को 2019 के एक किस्से से हवा मिली थी.
दरअसल, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को जब भारत रत्न दिया गया, तब तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी कार्यक्रम से नदारद रहे थे. यह वो वक्त था जब प्रणब मुखर्जी ने नागपुर में एक संघ के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और भाषण दिया था.
फिलहाल, पद्म अवॉर्ड सेरेमनी में सोनिया गांधी की गैर-मौजूदगी पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सोनिया कोरोना के चलते सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले रही हैं. उन्होंने पांच राज्यों के चुनाव के दौरान रैलियां भी नहीं कीं. वे सिर्फ संसद जा रही हैं. स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्होंने सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होना बेहद कम कर दिया है.
G23 के रुख में आ सकती है नरमी
सोनिया गांधी और आजाद के बीच हुई टेलीफोन बात के बाद अब माना जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ खड़ा हुआ G-23 ग्रुप भी कुछ नरमी दिखा सकता है. दो दिन पहले ही होली पर गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी मुलाकात भी की थी. इसके बाद से ही G-23 के बगावती तेवर में कुछ नरमी देखी गई थी.
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