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'NTA को तुरंत क्लीन चिट देना मेरी गलती, पहले नहीं थी पेपर लीक की खबर', आजतक से बोले शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
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NEET पर मचे घमासान के बीच शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान से आजतक ने खास बातचीत की. इस दौरान शिक्षामंत्री ने कहा कि NEET की परीक्षा 5 मई को हुई, इसमें 2 बात सामने आई हैं. पहली कुछ जगह पर गड़बड़ियों की बात आई है, दूसरी कुछ जगह पर समय कम मिलने के कारण स्टूडेंट्स में आक्रोश था.
NEET पर मचे घमासान के बीच शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान से आजतक ने खास बातचीत की. इस दौरान शिक्षामंत्री ने कहा कि NEET की परीक्षा 5 मई को हुई, इसमें 2 बात सामने आई हैं. पहली कुछ जगह पर गड़बड़ियों की बात आई है, दूसरी कुछ जगह पर समय कम मिलने के कारण स्टूडेंट्स में आक्रोश था. इसे लेकर छात्र कोर्ट पहुंचे. इस पर कोर्ट ने सुझाव दिया. इसके बाद NTA ने एक फॉर्मूला तैयार किया. इसके तहत ही ग्रेस मार्किंग की व्यवस्था की गई. इसके बाद कुछ स्टूडेंट फिर कोर्ट गए. अदालत के हस्तक्षेप से सरकार को कहा गया कि आप एक विकल्प मॉडल लेकर आएं. उन्होंने कहा कि 1563 छात्रों को परीक्षा में कम समय मिला था, ऐसे स्टूडेंट्स के लिए कोर्ट ने री-एग्जामिनेशन का आदेश दिया है. इसके बाद कुछ जगहों पर पेपर लीक की जानकारी भी सामने आई है. ये मामला पटना में सामने आया. वहां की पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
क्या NTA को क्लीन चिट देने में उन्होंने बहुत जल्दबाजी दिखाई? इस सवाल के जवाब पर शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ये मेरी गलती थी. मैंने चुनाव के बाद ज्वाइन किया था. मेरा पहला दिन था, उसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने री-टेस्ट का आदेश दिया. उस समय तक मेरे पास किसी विसंगति की जानकारी नहीं थी. तब मैंने कहा था कि अभी तक मेरे पास जानकारी है कि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है, लेकिन जैसे ही मुझे इस बारे में जानकारी हुई, तो मैं तुरंत एक्टिव हुआ. मैंने बिहार प्रशासन से बात की.
शिक्षामंत्री ने कहा कि प्रजातंत्र में जो सच है, उसका जिक्र करना चाहिए. उन्होंने कहा कि NEET की परीक्षा देने वाले छात्रों के हित हमारे लिए सर्वोपरि हैं. उनके मन में कोई विचलन पैदा न हो, ये हमारी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि हमने कुछ कहा और उसमे कुछ भ्रम हुआ तो उसे स्वीकार करने में मुझे कोई दुविधा नहीं है. हालांकि मैंने पहले भी कहा था कि कोई भी ताकतवर व्यक्ति हो, अगर वह दोषी पाया जाता है तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा. हम अपनी बात पर कायम हैं. आने वाले दिनों में परीक्षा में कोई गड़बड़ी न हो, जीरो एरर की व्यवस्था हो, इसकी हम तैयारी करेंगे.
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि NTA एक इंडिपेंडेंट और ऑटोनॉमस बॉडी है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि उसका कामकाज स्वच्छंद हो जाए और वह गैर-जिम्मेदार हो जाए. सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है, इसके तहत हाईलेवल कमेटी का गठन किया जाएगा, NTA का स्ट्रक्चर, उसकी एग्जामिनेशन प्रोसेस, डेटा सिक्योरिटी पर बहुत बारीकी से ध्यान दिया जा रहा है. परीक्षाओं में पारदर्शिता और जीरो एरर के लिए एक्सपर्ट्स की सिफारिशों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है.
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