![NSD में फेल हुए मनोज बाजपेयी, कैसे बने एक्टिंग का मास्टर? बताई 'फोर्टी फोरवा' कहे जाने की कहानी](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202312/manoj_bajpayee_agenda_aajtak_2023-sixteen_nine.jpg)
NSD में फेल हुए मनोज बाजपेयी, कैसे बने एक्टिंग का मास्टर? बताई 'फोर्टी फोरवा' कहे जाने की कहानी
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एजेंडा आजतक 2023 के मंच पर पहुंचे मनोज बाजपेयी ने बताया कि किस तरह दोस्तों ने उन्हें एक्टिंग पर पकड़ बनाने में मेहनत की थी. 365 दिनों के कोर्स में सिर्फ एक दिन मनुज क्यों चूके थे और स्कूल में उन्हें फोर्टी फोरवा क्यों बुलाया जाता था, इसके राज भी इस सेशन में सामने आए.
मनोज बाजपेयी के लिए ये साल शानदार रहा है. इस साल वो तीन कमाल के प्रोजेक्ट्स में नजर आए- एक ही बंदा काफी है, गुलमोहर और जोरम. बिल्कुल अलग-अलग किस्म की इन फिल्मों में बिल्कुल अलहदा किरदारों को निभा ले जाना, मनोज जैसे सधे हुए एक्टर के बस की ही बात है. लेकिन हर किरदार के साथ वो इतना न्याय कर कैसे लेते हैं? इन किरदारों के साथ वो अकेले में क्या बात करते हैं?
एजेंडा आजतक 2023 क मंच पर, अपने नए शो 'किलर सूप' की टीम के साथ पहुंचे मनोज बाजपेयी ने इस सवाल का बहुत मजेदार जवाब दिया. उन्होंने कहा, 'मैं कहता हूं प्लीज मेरी इज्जत रख लेना यार तू.'
दोस्तों ने कैसे बना दिया मनोज को एक्टर किलर सूप में मनोज की कोस्टार कोंकणा सेनशर्मा और डायरेक्टर अभिषेक चौबे भी एजेंडा आजतक के मंच पर मौजूद थे. इस मजेदार सेशन में मनोज ने बताया कि कैसे उनके दोस्तों ने उन्हें एक्टर बनने में मदद की.
आज नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से निकले सबसे नायाब हीरों में गिने जाने वाले मनोज ने बताया कि एन एस डी का समय उनके लिए 'भयावह' था. अपनी कहानी बताते हुए उन्होंने कहा कि, 'मेरे पास रिजेक्शन का स्कोप ही नहीं था. मैं थिएटर करता था और नसीरुद्दीन शाह जैसे एक्टर्स के इंटरव्यू में सुना कि उन्होंने एक्टिंग में डिप्लोमा किया है.'
मनोज ने बताया कि पहले तो उन्हें थिएटर में डिप्लोमा मिलने की बात नहीं समझ आई. उन्हें लगा कि वो जो स्टेज पर करते हैं एक्टिंग तो यही है, इसमें डिप्लोमा कैसे मिल सकता है! लेकिन उन्हें ये करना था इसलिए दिल्ली चले आए.
हालांकि, मनोज ने दिल्ली आने की वजह अपने घर पर नहीं बताई थी. उन्होंने बताया, 'मैंने मन बना लिया कि मां बाप को नहीं बताऊंगा. बोलूँगा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी से आर्ट्स पढने जा रहा हूं, फिर यू.पी.एस.सी की तैयारी करूंगा, कलेक्टर बनूंगा.' दिल्ली आने के दूसरे दिन दिन से ही मनोज स्ट्रीट थिएटर करने लगे. लेकिन 400 से ज्यादा स्ट्रीट प्ले करने वाले मनोज को एनएसडी ने टेस्ट में एंट्रेंस रिजेक्ट कर दिया.
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