NEET PG Counselling 2021: सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुरक्षित रखा फैसला, सभी पक्षों से लिखित जवाब दाखिल करने को कहा
ABP News
Supreme Court reserves order: केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि 2019 में ही इस तरह के आरक्षण का फैसला लिया गया था. UPSC समेत कई जगहों पर यह लागू हुआ है. इसका उद्देश्य कमजोर वर्ग का उत्थान है.
NEET PG Counselling: NEET PG काउंसिलिंग पर गुरुवार को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आदेश सुरक्षित रख लिया है. सभी पक्षों को लिखित नोट जमा करवाने के लिए कल तक का समय दिया गया है. केंद्र ने मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएशन में इस साल से लागू 27 प्रतिशत ओबीसी और 10 प्रतिशत आर्थिक कमज़ोर वर्ग आरक्षण को सही ठहराते हुए काउंसिलिंग शुरू करने की अनुमति मांगी है. वहीं याचिकाकर्ताओं ने अलग-अलग कारण बताते हुए नई आरक्षण नीति को लागू करने से रोकने की मांग की है.
केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने दलील दी कि 2019 में ही इस तरह के आरक्षण का फैसला लिया गया था. UPSC समेत कई जगहों पर यह लागू हुआ है. इसका उद्देश्य कमज़ोर वर्ग का उत्थान है. NEET PG मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने EWS को 10 प्रतिशत आरक्षण का विरोध कर रहे हैं. वरिष्ठ वकील अरविंद दातार ने कहा कि 2006 में गठित सिन्हो आयोग ने व्यापक अध्ययन कर 2010 में रिपोर्ट दी. हर राज्य सरकार से बात की. यह बताया कि आर्थिक कमज़ोर के आकलन के लिए हर राज्य में अलग पैमाना तय करने की ज़रूरत है. वहीं मौजूदा सरकार ने अजय भूषण पांडे कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर पूरे देश में 8 लाख रुपए का मानक तय कर दिया. यह भी नहीं देखा गया कि कई राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य वर्ग की आबादी बहुत कम है.