
NEET दाखिले में EWS आरक्षण को लेकर पूरा विवाद क्या है?
BBC
नीट के दाखिले में केंद्र सरकार के आरक्षण के फ़ैसले को कुछ पोस्ट ग्रैजुएट छात्रों ने चुनौती दी है. अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से 'आर्थिक रूप से कमज़ोर' की पात्रता पर सवाल पूछे हैं.
आर्थिक रूप से कमज़ोर (ईडब्ल्यूएस) वर्ग को परिभाषित करने के केंद्र सरकार के तरीक़े पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खड़ा किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए पात्रता निर्धारित करने के लिए 'आठ लाख रुपए की सालाना आय' को आधार क्यों और कैसे बनाया गया है?
इसके बाद से ईडब्ल्यूएस आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर सुर्ख़ियों में आ गया है.
पूरा मामला नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (नीट) में दाखिले को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जुलाई में जारी अधिसूचना से जुड़ा है.
केंद्र सरकार ने इस साल 29 जुलाई को नीट परीक्षा में आरक्षण को लेकर अहम फ़ैसला किया. इस फ़ैसले में कहा गया है कि अंडर ग्रैजुएट और पोस्ट ग्रैजुएट के सभी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में अखिल भारतीय कोटा योजना के तहत ओबीसी वर्ग के 27% और ईडब्ल्यूएस वर्ग के 10% छात्रों को आरक्षण मिलेगा.