NCP में टूट के बाद एक मंच पर दिखेंगे PM और शरद पवार, मोदी को मिलेगा सम्मान
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लोकमान्य तिलक स्मारक ट्रस्ट ने पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया है. यह पुरस्कार समारोह का 41वां वर्ष और लोकमान्य तिलक की 103वीं पुण्य तिथि है. पुरस्कार समारोह 1 अगस्त 2023 को पुणे में होगा. यह समारोह ऐसा मौका होगा, जबकि बगावत के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार, पीएम मोदी के साथ मंच शेयर करेंगे.
एनसीपी में मतभेद और शरद पवार के भतीजे के बीजेपी से हाथ मिलाने के बाद, शरद पवार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले अगस्त में पहली बार मंच साझा करेंगे. लोकमान्य तिलक स्मारक ट्रस्ट ने पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया है. तिलक स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष रोहित तिलक ने सोमवार को इसकी घोषणा की. यह पुरस्कार समारोह का 41वां वर्ष और लोकमान्य तिलक की 103वीं पुण्य तिथि है. पुरस्कार समारोह 1 अगस्त 2023 को पुणे में होगा.
पीएम मोदी किए जाएंगे सम्मानित रोहित तिलक ने कहा भी कि यह आश्चर्य वाली बात है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे. वहीं, पीएम मोदी इस पुरस्कार से सम्मानित किए जाएंगे. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने-अपने भाषणों में अपने विचार कैसे व्यक्त करेंगे. इतना ही नहीं, इसी कार्यक्रम में राज्यपाल रमेश बैस सीएम एकनाथ शिंदे, डीसीएम देवेन्द्र फड़नवीस, डीसीएम अजित पवार और कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे मौजूद रहेंगे. यानी कि चाचा से बगावत के बाद किसी सार्वजनिक कार्यक्रम के मंच पर एक साथ शरद पवार और अजित पवार भी आमने-सामने होंगे.
इस आधार पर पीएम मोदी को दिया जा रहा है पुरस्कार रोहित तिलक ने कहा, आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत देश ने बहुत कुछ हासिल किया है. इस मिशन के कारण देश के प्रति जागरूकता और प्रेम बढ़ा है. आत्मनिर्भर भारत ने देश को प्रगति की सीढ़ियां चढ़ने में मदद की. साथ ही नागरिकों में देशभक्ति की भावना जगाने और भारत को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है.
कांग्रेस नहीं है खुश उधर, तिलक स्मारक के इस पुरस्कार की घोषणा के बाद कांग्रेस इसे लेकर नाखुश नजर आ रही है. पुणे कांग्रेस इकाई ने यह मुद्दा राहुल गांधी के समक्ष उठाया. शहर कांग्रेस इकाई का मानना है कि मोदी तिलक की विचारधारा से कोसों दूर हैं. इसलिए कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह तिलक परिवार की अप्रासंगिक पसंद है. रोहित तिलक पुणे कांग्रेस का हिस्सा हैं और पहले कसाबा से चुनाव लड़ चुके हैं.
ये नेता भी हो चुके हैं पुरस्कृत लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार का यह 41वां पुरस्कार दिया जा रहा है. क्रांतिकारी और राष्ट्रवादी स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक (1856-1920) की स्मृति में , 1 अगस्त को उनकी 103वीं पुण्य तिथि पर यहां तिलक महाराष्ट्र विद्यापीठ में एक समारोह में मोदी को प्रदान किया जाएगा. प्रतिष्ठित पुरस्कार के कुछ पूर्व विजेताओं में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधान मंत्री डॉ मनमोहन सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी और इंदिरा गांधी शामिल हैं.
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