NCP के लिए 'शिंदे' साबित हुए अजित पवार, क्या शिवसेना जैसे होंगे दो टुकड़े?
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महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. एनसीपी नेता अजित पवार ने बीजेपी से हाथ मिला लिया है. उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया है. अजित समेत एनसीपी के 9 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली है. अजित गुट ने 40 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है. अजित महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष के पद पर थे. महाराष्ट्र में यह पूरा घटनाक्रम एक घंटे के भीतर हुआ है.
महाराष्ट्र की राजनीति में सालभर बाद एक बार फिर बड़ा उलटफेर हुआ है. अबकी बार अजित पवार ने अपनी ही पार्टी NCP के खिलाफ बगावत की है और एनडीए गठबंधन से हाथ मिलाया है. बीजेपी-शिंदे गुट ने अजित को डिप्टी सीएम बनाया है. अजित पवार के पाला बदलने से राजनीतिक मायने निकाले जाने लगे हैं. माना जा रहा है कि अजित भी एनसीपी के लिए एकनाथ शिंदे साबित हुए हैं. दरअसल, सालभर पहले एकनाथ शिंदे ने भी शिवसेना (उद्धव ठाकरे) से बगावत कर दी थी और बीजेपी के साथ सरकार बनाई थी.
बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को हाथोंहाथ लिया और सीएम बनाकर बड़ा दांव खेला था. जबकि बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बनाए गए थे. अब अजित के आने से महाराष्ट्र की एनडीए सरकार में दो डिप्टी सीएम हो गए हैं. अजित गुट का दावा है कि उनके पास 40 एनसीपी विधायकों का समर्थन है. अजित समेत 9 विधायक मंत्रीपद की शपथ ले चुके हैं. इनमें धर्मराव अत्राम, सुनील वलसाड, हसन मुश्रीफ, दिलीप वलसे, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे और महिला विधायक अदिति तटकरे का नाम शामिल है. प्रफुल्ल पटेल ने भी एनसीपी का साथ छोड़ा है. एनसीपी के 6 एमएलसी भी अजित के साथ जाने की चर्चा हैं.
2019 में भी अजित ने बगावत की थी
बताते चलें कि अजित पवार साल 2019 में भी चर्चा में आए थे. तब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आए थे और बीजेपी गठबंधन को बहुमत मिला था. लेकिन, उद्धव ठाकरे (शिवसेना) ने खुद को सीएम बनाने की शर्त रख दी, जिसके बाद यह गठबंधन मुश्किलों में आ गया. इस बीच, 23 नवंबर 2019 को अजित पवार ने एनसीपी से बगावत की और सुबह 8 बजे राजभवन में डिप्टी सीएम की शपथ ली थी. देवेंद्र फडणवीस ने सीएम बन गए थे. हालांकि, कुछ ही दिन एनसीपी चीफ शरद पवार ने अजित को मना लिया था.
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