Narendra Modi से मुकाबले के लिए क्या 'फाइटर दीदी' को उतारेगा विपक्ष?
ABP News
Mamata Banerjee Meets Sharad Pawar: लोकसभा चुनाव होने में अभी ढाई साल का वक़्त बचा है लेकिन बंगाल से बाहर निकलकर ममता बनर्जी अन्य दलों के नेताओं से जैसी मुलाकातें कर रही हैं
2024 Lok Sabha Elections: जो लोग ममता बनर्जी के सियासी इतिहास से वाकिफ हैं, तो वे ये भी अवश्य जानते होंगे कि अपनी अलग पार्टी बनाने और बंगाल की सत्ता में आने से पहले ही कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने अपनी इमेज एक ऐसी फाइटर लीडर' की बना ली थी, जिसने अपने दम पर वामपंथियों से लोहा लेकर उन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया. ममता की राजनीति बड़े दलों से थोड़ी अलग इसलिए है कि उन्हें सड़कों पर उतरकर लड़ना और उसके जरिये आम जनता को सीधे अपने साथ जोड़ने की कला बखूबी आती है.
लोकसभा चुनाव होने में अभी ढाई साल का वक़्त बचा है लेकिन बंगाल से बाहर निकलकर वे अन्य दलों के नेताओं से जैसी मुलाकातें कर रही हैं, उसके सियासी अर्थ यही निकाले जाएंगे कि वे खुद को 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम पद के उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट कर रही हैं, जो काफी हद तक सही भी है. चूंकि बीजेपी के खिलाफ एक मजबूत वैकल्पिक ताकत बनने में कांग्रेस नाकाम होती दिख रही है. लिहाज़ा, ममता की रणनीति यही है कि अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर वे इस मकसद को पूरा कर सकती हैं. जाहिर है कि ममता यह भी जानती हैं कि सबसे बड़ा विपक्षी दल होने के नाते कांग्रेस उनकी उम्मीदवारी पर न तो इतनी आसानी से मुहर लगाएगी और न ही उनके नेतृत्व में अगला लोकसभा चुनाव लड़ने को ही राजी होगी. लेकिन राजनीति नंबरों का खेल है जिसमें जो जीता वही सिकंदर.