Mumbai: विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी, इंटरस्टेट गैंग के पांच लोग गिरफ्तार, कई पासपोर्ट जब्त
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इन बदमाशों ने पीड़ितों से एक करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी को अंजाम दिया. अब उनके फर्जी कॉल सेंटरों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई. पुलिस ने मुंबई में उनके ठिकाने पर छापेमारी के दौरान कई तरह का सामान भी जब्त किया है.
मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने एक ऐसे शातिर गैंग का खुलासा किया है, जिसने विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर 200 से 300 लोगों के साथ फर्जी वीजा जारी करके धोखाधड़ी की. इस मामले में अब क्राइम ब्रांच ने इस गैंग के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इन बदमाशों ने पीड़ितों से एक करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी को अंजाम दिया. अब उनके फर्जी कॉल सेंटरों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई. पुलिस ने मुंबई में उनके ठिकाने पर छापेमारी के दौरान कई तरह का सामान भी जब्त किया है.
डिप्टी कमिश्नर (डिटेक्शन) राज तिलक रौशन ने जानकारी देते हुए बताया, 'इस घोटाले के सात पीड़ितों ने पुलिस से संपर्क किया और एक फर्जी रैकेट चलाने वाले गिरोह की शिकायत की. उनका तरीका व्हाट्सएप या टेलीग्राम ऐप के जरिए लोगों को निशाना बनाना और संपर्क स्थापित करना था. इनका फर्जी लिंक मूल वीज़ा जैसा लगता था, जो इसे विश्वसनीय बना देता था. गिरोह के जिन सदस्यों को हमने महाराष्ट्र और भारत के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया है, वे प्रत्येक पीड़ित से 40-60 हजार ऑनलाइन मोड के माध्यम से लिया करते थे. एक कार्यालय पहले ही बंद कर दिया गया था और मुंबई कार्यालय अक्टूबर में शुरू किया गया था. आरोपियों ने इस धोखाधड़ी को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अस्थायी समय अवधि के लिए फर्जी नामों और नंबरों का इस्तेमाल किया था. अंतरराष्ट्रीय नौकरियों की प्रक्रिया को और अधिक वैध और विश्वसनीय बनाने के लिए पीड़ितों को चिकित्सा परीक्षण के लिए भी भेजा गया था.
डीसी रौशन के मुताबिक, 'लोगों को उचित भर्ती चैनलों और पोर्टलों के माध्यम से जाना चाहिए. जिन बेरोजगार लोगों को निशाना बनाया गया था, वे भारत से थे. हमें और लोगों की संलिप्तता का शक है. पासपोर्ट या वीजा के लिए त्वरित प्रक्रिया की पेशकश करने वाले भी संदिग्ध हो सकते हैं. इसलिए पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए. कुछ पीड़ितों को हवाईअड्डे के पास पहुंचने पर ही एहसास हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी की गई है.'
सभी आरोपी 10वीं से 12वीं कक्षा के बीच तक पढ़ें हैं. भिवंडी के रामकृपाल कुशवाह (45), मुंबई के रोहित सिन्हा (33), दिल्ली के आशीष महतो (30), लखनऊ के अमितोष गुप्ता (40) और बिहार के गया से राहुल चौधरी (22) ) को मुंबई पुलिस के अधिकारियों की टीम ने गिरफ्तार किया है. इन पांच आरोपियों के अलावा पहले से जेल में बंद दो और आरोपियों को फिर से हिरासत में लिया जाएगा. उन पर विश्वासघात, आपराधिक साजिश, जालसाजी और भारतीय आव्रजन और पासपोर्ट अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
हालांकि, मुख्य कॉल सेंटर बिहार के गया से संचालित होता था और इसकी इंडियन ओवरसीज प्लेसमेंट सर्विसेज नाम से एक डमी फर्म थी. बैलार्ड एस्टेट में एक पिछला कार्यालय पहले ही बंद कर दिया गया था.
मामला मूल रूप से एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था लेकिन बाद में इस मामले की जांच का जिम्मा अपराध शाखा की यूनिट 5 को सौंप दिया गया. पुलिस ने मुंबई में उनके अंधेरी कॉल सेंटर से 63 पासपोर्ट, अजरबैजान, ओमान और सऊदी अरब के फर्जी वीजा, कई सिम कार्ड, प्रिंटर, मॉनिटर, मोबाइल फोन, राउटर और फर्जी कंपनी के नकली रबर स्टांप बरामद किए.
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