Mucormycosis जैसे फंगल संक्रमण में यूज होने वाली दवा की कमी क्यों?
The Quint
Mucormycosis Drug Shortages: As cases of mucormycosis rise in the country, we are faced with an acute shortage of the life-saving drug Amphotericin B, an antifungal medication used to treat serious fungal infections. देश में एंटीफंगल दवा की कमी क्यों
“एक दोस्त के पिता अभी भी अस्पताल में हैं. डॉक्टर ने एक खास दवा के लिए कहा, लेकिन ये भी बताया कि वह आउट ऑफ स्टॉक है,” इंदौर में रहने वाले IIT खड़गपुर से स्नातक कर रहे गौरव सूर्यवंशी कहते हैं.जैसे-जैसे देश में म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) के मामले बढ़ रहे हैं, हमें जीवन रक्षक दवा Amphotericin B की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है, जो गंभीर फंगल संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एंटीफंगल दवा है.रोगी और डॉक्टर के विवरण को जाहिर न करने के लिए ब्लर किया गया है(फोटो: गौरव सूर्यवंशी)महामारी खत्म नहीं हुई है, शहर केवल ऑक्सीजन की गंभीर कमी को पार कर चुके हैं - तो हम फिर से आवश्यक दवाओं की कमी क्यों देख रहे हैं?और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या हम समय पर आपूर्ति बढ़ा पाएंगे? आवश्यक दवाओं की कमी के कारण हम कितने रोगियों को खो देंगे?फिट ने मरीजों के रिश्तेदारों, डॉक्टरों और फार्मा प्रतिनिधियों से बात कर, क्या हो रहा है, ये जानने का प्रयास किया है.हम 'जीवन रक्षक दवाइयों' की कमी क्यों देख रहे हैं?एम्स जोधपुर में पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन रेजिडेंट डॉ अभिषेक टंडन कहते हैं कि असल में इसके लिए किसी को दोष नहीं दे सकते हैं, "यह एक असंभव सी स्थिति है."उनका कहना है कि Mucormycosis बीमारी के बारे में हम जानते हैं, लेकिन यह कभी भी बहुत प्रचलित नहीं थी- विशेष रूप से उस संख्या में नहीं जो हम अभी देख रहे हैं.“वर्तमान में, हमारे पास म्यूकोरमाइकोसिस के 84 रोगी हैं. इतने सारे मरीज साल में पहले कभी भी नहीं थे."डॉ. अभिषेक टंडन, पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन रेजिडेंट, एम्स, जोधपुरडॉ. टंडन बताते हैं कि म्यूकोरमाइकोसिस के रोगियों की उम्र 20-70 साल के बीच है, लेकिन इनमें ज्यादातर 20-40 आयु वर्ग में हैं. एम्स इंदौर जल्द ही म्यूकोरमाइकोसिस वार्ड की भी योजना बना रहा है.वह बताते हैं कि किसी ने भी इसे COVID-19 की जटिलता के रूप में नहीं देखा था. पिछले साल जहां गुजरात और दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल से इसकी रिपोर्ट आई थी, लेकिन मामले बेहद कम थे."इसके मामले कम थे और जांच में पाया गया था कि वे स्टेरॉयड के अविवेकपूर्ण उपयोग का परिणाम थे - या तो बहुत जल्दी या बहुत अधिक दिया गया. हमें इस साल म्यूकोरमाइकोसिस मामलों में इस उछाल का अंदेशा नहीं था."तो फ...More Related News