MP Panchayat Chunav: न प्रचार, न होगी वोटिंग, 44 लाख में शख्स ने 'खरीदा' सरपंच का पद!
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ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव हुआ तो उसमें पैसा बर्बाद होगा. चुनाव में लोग शराब आदि बांटने पर खर्च करते थे. इसलिए बोली लगाकर एक शख्स को निर्विरोध सरपंच चुनने का फैसला लिया गया. सभी ने तय किया है कि उसको निर्विरोध सरपंच निर्वाचित किया जाएगा. कोई भी उनके सामने चुनाव नहीं लड़ेगा.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में चल रही पंचायत चुनाव (Panchayat Chunav) की प्रक्रिया के बीच एक अजीबोगरीब खबर सामने आई है. जहां भटौली गांव के रहने वाले लोगों ने चुनाव से पहले ही बोली लगाकर अपना सरपंच (Sarpanch) चुन लिया है. सरपंच पद के लिए बाकायदा 44 लाख रुपये की बोली लगाई गई है. दरअसल, प्रदेश के अशोक नगर जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर भटौली गांव के निवासियों ने मंगलवार को सरपंच के पद की नीलामी की. ग्रामीणों ने आपस में तय किया कि जो जितने पैसे खर्च करेगा उसे सर्वसम्मति से गांव का मुखिया यानी सरपंच बना लिया जाएगा.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
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हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.