
MP: 2 पेड़ काटने पर 1.04 करोड़ का आर्थिक दंड, ऐसे तय की गई जुर्माने की रकम
AajTak
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के बम्होरी में दो पेड़ काटने पर एक आरोपी पर एक करोड़ चार लाख का जुर्माना लगाया गया है. एक पेड़ की उम्र 50 साल मानकर उसकी उपयोगिता के आधार तय करके जुर्माना की राशि तय की गई है.
कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी से पूरा देश बेहाल है. अभी कई लोग पेड़ों की अहमियत समझे बिना अंधाधुंध पेड़ों की कटाई करते हैं. ऐसे में पेड़ों के महत्व को समझाने के लिए वन विभाग ने सख्त तरीका अपनाया है. दरअसल, मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के बम्होरी में दो पेड़ काटने पर एक आरोपी पर एक करोड़ चार लाख का जुर्माना लगाया गया है. एक पेड़ की उम्र 50 साल मानकर उसकी उपयोगिता के आधार तय करके जुर्माना की राशि तय की गई है. (प्रतीकात्मक फोटो) विश्व भर में कोरोना महामारी के वायरस से संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन के सपोर्ट पर जिंदा रखना पड़ रहा है. वर्तमान समय में कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी हो गई है और ऑक्सीजन सिलेंडर भी नहीं मिलने पर लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है. इन्हीं परिस्थियों को ध्यान में रखकर बम्होरी वन विभाग ने दो सागौन के पेड़ काटकर वन संपदा को नुकसान पहुंचाने वाले छोटे लाल जुर्माना लगाया है. वन विभाग ने आरोपी छोटे लाल को एक करोड़ 21 लाख 7 हजार 700 रुपये का जुर्माना लगाकर कोर्ट में चालान पेश किया है, ताकि लोग पेड़ों का महत्व को समझ सकें. वन विभाग के अधिकारियों ने यह जुर्माना एक पेड़ की उम्र 50 साल मान कर तय किया है. (प्रतीकात्मक फोटो) बम्हौरी वन परिक्षेत्र अधिकारी महेंद्र कुमार पलेचा ने बताया कि एक पेड़ की औसत उम्र 50 साल मानी जाती है. इस तरह एक पेड़ इन 50 सालों में हमें 52 लाख 400 रुपये की सुविधा प्रदान कर सकता है. उन्होंने बताया कि डारेक्ट जनरल इंडियन कौंसिल ऑफ फारेस्ट ट्री रिसर्च एंड एजूकेशन के अध्ययन के अनुसार एक पेड़ की उम्र 50 साल होती है.(प्रतीकात्मक फोटो)More Related News

आम आदमी पार्टी हाल में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव में 62 सीटों से नीचे गिरकर 22 सीटों पर आ गई. पार्टी के बड़े-बड़े धुरंधर जिनमें अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन, सोमनाथ भारती शामिल हैं, चुनाव हार गए. लेकिन कालकाजी में काफी कड़े मुकाबले में आतिशी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को हराने में सफलता पाई.