MLC Election: रायबरेली में 4 विधायक वाली सपा एमएलसी चुनाव में जमानत नहीं बचा सकी, तो क्या अपनों ने हराया?
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MLC चुनाव के परिणाम मंगलवार को घोषित कर दिए गए. रायबरेली में उम्मीद से विपरीत परिणाम आए. पिछले महीने विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के चार उम्मीदवारों ने अपनी जीत दर्ज करवाई थी. इसी आधार पर एमएलसी चुनाव में भी सपा से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही थी.
रायबरेली में मंगलवार को एमएलसी चुनाव का परिणाम उम्मीद से विपरीत रहा. डीएम वैभव श्रीवास्तव ने परिणामों की घोषणा करते हुए कहा कि बीजेपी के प्रत्याशी को 2304 वोट मिले हैं. वह विजयी घोषित हुए हैं, जबकि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई है. पिछले महीने विधानसभा चुनाव में जब समाजवादी पार्टी के चार उम्मीदवारों ने अपनी जीत दर्ज करवाई थी, तब ऐसा लगा था कि अब एमएलसी चुनाव में भी समाजवादी पार्टी का डंका बजेगा, लेकिन बीजेपी प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह ने सपा प्रत्याशी वीरेंद्र शंकर सिंह उर्फ़ वीरेंद्र यादव को न सिर्फ हराया बल्कि उनकी जमानत भी जब्त हो गई.
वीरेंद्र सिंह बोले- 'मेरी किसी ने नहीं सुनी'
चुनाव परिणाम आने के बाद, सपा प्रत्याशी वीरेंद्र यादव ने कैमरे पर कुछ नहीं बोला, लेकिन फोन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी की जीत जनता की जीत नहीं है, बल्कि जन-धन-बल और प्रशासनिक अमले के सहयोग की जीत है. प्रधानों और बीडीसी के ऊपर दबाव बनाया गया. मैं लगातार फोन कर शिकायत करता रहा, लेकिन मेरी बात कहीं सुनी नहीं गई. हालांकि, दबी जुबान से उन्होंने भितरघात की बात भी स्वीकार की.
कहां-कैसा रहा सपा प्रत्याशियों का प्रदर्शन
- बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य की बहू सविता मौर्य, ऊंचाहार की गौरा ब्लॉक की प्रमुख हैं, लेकिन यहां भी प्रत्याशी को महज चंद वोट ही मिले, जबकि स्वामी प्रसाद मौर्य ने पूरे प्रदेश में समाजवादी पार्टी को जिताने का दम भरा था.
- ऊंचाहार से सपा विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोज पांडे के क्षेत्र में तीनों ब्लॉकों में, समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी दहाई का आंकड़ा भी नहीं पार कर सके. अब ऐसे में संकेत तो यही बता रहे हैं कि वीरेंद्र यादव को भितरघात का सामना करना पड़ा होगा.
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