Mainpuri By-election: मैनपुरी में मुलायम की विरासत बचा पाएंगी डिंपल? ग्राउंड रिपोर्ट में जानिए सियासी मिजाज
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मैनपुरी में सियासी मिजाज कुछ बदला-बदला सा लग रहा है. मुलायम की विरासत बचाने के लिए समाजवादी पार्टी ने डिंपल यादव पर भरोसा जताया है. वहीं चर्चा है कि डिंपल के खिलाफ बीजेपी मुलायम की ही बहू अपर्णा यादव को मैदान में उतार सकती है. ऐसे में मुकाबला रोचक हो सकता है.
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी की लोकसभा सीट के लिए हो रहा उपचुनाव समाजवादी पार्टी के लिए परिवार की विरासत को आगे बढ़ाते हुए साख का सवाल है. वहीं बीजेपी भी इस चुनाव को सपा के संरक्षक रहे मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद कड़ी चुनौती देने की तैयारी में है. इस बीच चुनावी मौसम में डिंपल यादव के प्रत्याशी के तौर पर उतरने के बाद समाजवादी कुनबा डिंपल यादव की जीत पर टकटकी लगाए है. आजतक की टीम मैनपुरी लोकसभा सीट पहुंची जहां मतदाताओं समेत नेताओं का रुख जानने की कोशिश की.
सपा का गढ़ रहा है मैनपुरी
मैनपुरी में कुल 5 विधानसभा हैं जिनमें करहल और जसवंत नगर की सीट भी आती है. इस पर फिलहाल अखिलेश यादव और शिवपाल यादव विधायक के तौर पर काबिज है. इस सीट पर लगभग 17 लाख मतदाता हैं जिसमें यादव 4.25 लाख, शाक्य 3.15 लाख, ठाकुर 2.50, ब्राह्मण 1.25, दलित 1.50 लाख, लोधी 1 लाख, वैश्य 70000 और मुस्लिम 45000 की संख्या में है. मैनपुरी मुलायम सिंह यादव का गढ़ है और 2014 और 19 के चुनाव में वह यहां से सांसद रहे उनकी विरासत को आगे बढ़ाते हुए डिंपल यादव को सपा ने चुनावी मैदान में उतारा है.
'इस बार चुनौती जरूर दे रही बीजेपी'
आजतक से बात करते हुए मुलायम सिंह यादव के एक राजनीतिक गुरु कहे जाने वाले नत्थू सिंह के पुत्र पूर्व एमएलसी सुभाष चंद्र यादव ने कहा नेताजी की विरासत और समाजवादी पार्टी के मूल्यों पर चलते हुए डिंपल यादव क्षेत्र में बड़ी जीत हासिल करेंगी. यह बात जरूर है कि नेताजी के दौर और आज के समाजवाद के दौर में बदलाव हुआ है लेकिन युवा और मैनपुरी की जनता हमेशा से नेताजी के साथ रही है, ऐसे में डिंपल यादव न सिर्फ बहू के तौर पर बल्कि एक प्रत्याशी के तौर पर भी जीत हासिल करेंगी लेकिन बीजेपी इस बार चुनौती में जरूर है.
'यहां के लोग मुलायम को जानते हैं सिर्फ'
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