Mahima Shanidev ki : शनिदेव ने घर लौटने के बाद पिता से मांगा आशीर्वाद, जानिए क्या मिला जवाब
ABP News
शनि की मां छाया के अनुरोध और इंद्र के दखल पर सूर्यदेव ने शनिदेव को श्रापमुक्त कर सूर्यमहल (SuryaMahal) में आने की इजाजत तो दे दी, लेकिन बेटे के तौर पर स्वीकार नहीं किया.
Mahima Shanidev ki : पिता सूर्यदेव पुत्र शनि के वर्ण, रूप ही नहीं, मिजाज से भी नाराजगी रखते थे. पत्नी संध्या यानी छाया और इंद्रदेव के कहने पर सूर्यदेव ने यम की जान बचाने के लिए शनिदेव को सूर्यमहल में रहने की इजाजत तो दे दी, लेकिन परिवार के सदस्य के तौर पर वह उन्हें अपना नहीं सके. घर आने के बाद शनिदेव मां छाया के साथ आशीर्वाद लेने पिता के पास पहुंचे तो सूर्यदेव ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि शनि सिर्फ अपनी मां के पुत्र हैं, क्योंकि उन्होंने पैदा होते ही पिता सूर्य को ग्रहण लगा दिया. ऐसे में उन्हें पिता से कोई स्नेह की उम्मीद रखनी नहीं चाहिए. यह सुनकर शनिदेव को बेहद दुख हुआ. मगर मां के समझाने पर वह मान गए.
यम से द्वेष में मिला तिरस्कारसूर्यमहल में आए शनिदेव के लिए सूर्यपुत्र यम के मन में द्वेष की भावना ने उसमें शत्रुता का भाव भर दिया. वह शनिदेव को अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे. पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार सूर्यदेव का पूरा परिवार भोजन के लिए बैठा तो यम शनि को यह कहते हुए तिरस्कृत किया कि शनि किसी रूप में उनके साथ बैठने या भोजन करने के योग्य नहीं हैं. वह एक वनवासी हैं और राजपुत्र के साथ उनकी तुलना नहीं हो सकती है. यह कहते हुए वह भोजन त्याग कर उठ गए.