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Mahima Shanidev Ki: न्यायधिकारी शनिदेव का माता छाया से ऐसे खुला राज, पढ़िए कथा
ABP News
Mahima Shanidev Ki: शनिदेव न्यायकर्ता, न्यायधिकारी और कर्मफलदाता हैं. यह बात माता छाया से छिपी रही, लेकिन बार-बार पूछने पर एक दिन भगवान विश्वकर्मा को सच्चाई बयां करनी पड़ी, जानिए क्या हुआ.
Mahima Shani Dev Ki: शनिदेव (Shani Dev) की माता छाया सूर्यदेव की पत्नी संध्या की परछाई थीं, यह बात उनके अलावा सिर्फ छाया ही जानती थीं. लंबे समय तक तप के लिए गईं संध्या की अनुपस्थिति में छाया और सूर्यदेव से शनिदेव का जन्म हुआ, लेकिन छाया की संतान होने के चलते उनके श्याम वर्ण और निष्तेज होने पर सूर्यदेव ने उनका परित्याग कर दिया था. हालांकि माता को यह छूट दी कि वह जंगल में शनि से मिलने के लिए हर रात जा सकेंगी और सूर्योदय से पहले सूर्यमहल आ जाएंगी. यह क्रम बरसों तक चलता रहा, इस बीच शनिदेव कई बार दैत्यों का संहार कर माता को अचंभित कर चुके थे.
इधर, संध्या के पिता भगवान विश्वकर्मा को महादेव ने एक दिव्यदंड तैयार करने के लिए कहा, जो सृष्टि के न्यायकर्ता ही उठा सकेंगे. ऐसे में जब एक बार माता छाया के साथ शनिदेव नाना विश्वकर्मा के घर आए तो चक्रवात ने हमला कर दिया. माता छाया इसकी चपेट में आ गईं, जिन्हें बचाने के लिए शनि ने दिव्यदंड उठाकर चक्रवात का नाश कर दिया. यह देखकर विश्वकर्मा को यकीन हो गया कि दिव्यदंड उठाने वाले शनि ही कर्मफलदाता हैं, जिनका इंतजार देव-दानव सभी कर रहे हैं.