
Maharashtra: नंबरगेम में आगे होने का दावा, फिर भी मुंबई आने से क्यों कतरा रहा एकनाथ शिंदे गुट?
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महाराष्ट्र की सत्ता का संग्राम यूं तो मुंबई में चल रहा है लेकिन बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे गुवाहाटी से अपनी मोहरें चल रहे हैं. आखिर 38 विधायकों के समर्थन का दावा करने वाले शिंदे मुंबई आने से हिचकिचा क्यों रहे हैं?
महाराष्ट्र की सियासत पिछले 6 दिनों से रॉलर कोस्टर राइड पर है. कभी शिंदे गुट भारी हो जाता है तो कभी सीएम उद्धव हुंकार भरते हैं. पिछले मंगलावर से ये सियासी गेम मुंबई-वडोदरा-गुवाहाटी वाया दिल्ली चल रहा है. लेकिन एकनाथ शिंदे की इस बगावत का अंजाम क्या होगा इस पर अभी भी अनिश्चितता कायम है. एकनाथ शिंदे संख्याबल में उद्धव ठाकरे से बहुत आगे होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन वे अपना शक्ति प्रदर्शन मुंबई से 2700 किलोमीटर दूर गुवाहाटी में कर रहे हैं.
इधर शिवसेना नेता संजय राउत बागियों को लगातार ललकार रहे हैं और उन्हें मुंबई आने की चुनौती दे रहे हैं इसी सिलसिले में राउत ने आज ट्वीट कर शिंदे गुट पर तंज कसा और कहा कि कबतक छिपोगे गुवाहाटी में, आना तो पड़ेगा ही चौपाटी में? एकनाथ शिंदे का दावा है कि उनके पास इस वक्त 38 शिवसेना विधायकों का समर्थन है इसके अलावा कुछ निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी उन्हें हासिल है.
अस्पताल से आज ही बाहर आए हैं राज्यपाल
सवाल है कि शिंदे गुट अपने लाव-लश्कर के साथ मुंबई क्यों नहीं आ रहा है? इसके पीछे कई कारण दिखते हैं. सबसे बड़ा कारण तो यह है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की तबीयत अभी खराब है. कोश्यारी कोरोना पॉजिटिव थे और आज ही अस्पताल से डिस्चार्ज हुए हैं. बिना राज्यापल के महाराष्ट्र में कोई भी एक्शन होना संभव नहीं है, इसलिए शिंदे अपने गुट के विधायकों को बीजेपी शासित राज्य गुवाहाटी में ही रखना पसंद कर रहे हैं.
मुंबई आने पर टकराव की आशंका
दरअसल एकनाथ शिंदे को लगता है कि महाराष्ट्र की जमीन पर वे बागियों के कुनबे को संभाल कर नहीं कर पाएंगे और न ही शिवसेना के जनबल का मुकाबला कर पाएंगे. चूंकि उद्धव के नेतृत्व वाली शिवसेना अभी सरकार में है इसलिए मुंबई आने पर बागियों को न सिर्फ शिवसेना के उग्र कार्यकर्ताओं का गुस्सा झेलना पड़ेगा. शिवसेना के कार्यकर्ता शनिवार से ही उग्र व्यवहार कर रहे हैं और बागी विधायकों के दफ्तरों और ठिकानों पर हमला कर रहे हैं.

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