LIVE: मुंबई में 8270 नए केस, जसलोक को बनाया गया कोविड हॉस्पिटल
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मुंबई में गुरुवार को 8217 नए मामले सामने आए और 49 लोगों की मौत हो गई. मुंबई में रोजाना 8 हजार से ऊपर नए केस आ रहे हैं. बुधवार को करीब दस हजार केस आए थे और 54 मौतें हुई थी.
देश में कोरोना की दूसरी लहर ने सरकारी सिस्टम को फेल कर दिया है. 24 घंटे में सामने आने वाले नए मरीजों के आंकड़े में जबरदस्त उछाल आया है. नए संक्रमितों की संख्या 2 लाख के पार पहुंच गयी है, जबकि 1 हज़ार 38 लोगों ने संक्रमण की वजह से अपनी जान गंवाई है. देश में फिलहाल 14 लाख 71 हजार 877 कोरोना एक्टिव केस हैं. महाराष्ट्र, दिल्ली और यूपी में कोरोना सबसे ज्यादा कहर बरपा रहा है. महाराष्ट्र में कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लगाने की हर कोशिश नाकाम हो रही है. 24 घंटे में नए मरीजों का आंकड़ा 61 हज़ार 695 पर पहुंच गया है. वहीं एक दिन में 349 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. राज्य में एक्टिव केस की संख्या 6 लाख 20 हज़ार से ज्यादा है.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.