
Law and Order: क्या होती है यातायात पुलिस, कहां से हुई थी शुरुआत?
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यातायात नियत्रंण (traffic control) एक बड़ा काम होता है. यह काम नागरिक पुलिस (civil police) नहीं करती, बल्कि इसके लिए अलग से यातायात पुलिस (Traffic Police) होती है. तो चलिए जानते हैं कि यह यातायात पुलिस आखिर क्या होती है? और इसकी शुरुआत कैसे हुई?
सभी राज्यों (States) में कानून व्यवस्था (Law and Order) को संभालने की जिम्मेदारी (Responsibility) तो पुलिस (Police) के कंधों पर होती ही है. साथ ही हर जिले (District) में पुलिस कई तरह से काम (work) करती है. जिसमें यातायात नियत्रंण (traffic control) भी एक बड़ा काम होता है. यह काम नागरिक पुलिस (civil police) नहीं करती, बल्कि इसके लिए अलग से यातायात पुलिस (Traffic Police) होती है. तो चलिए जानते हैं कि यह यातायात पुलिस आखिर क्या होती है? और इसकी शुरुआत कैसे हुई?
यातायात पुलिस (Traffic police) आपने अक्सर अपने शहरों या इलाकों की मुख्य सड़कों (Main streets) और चौराहों पर सफेद वर्दी (white uniform) पहने यातायात पुलिस या कहें कि ट्रैफिक पुलिस (traffic police) के जवानों को देखा होगा. सर्दी हो या गर्मी या फिर बरसात का मौसम, ये यातायात पुलिस के जवान अक्सर अपना काम करते नजर आते हैं. दरअसल, ट्रैफिक पुलिस का मुख्य काम (main job) ट्रैफिक को नियंत्रित (control the traffic) करना और सड़क दुर्घटनाओं (road accidents) को रोकना ही है. इसके लिए ये सड़कों पर ट्रैफिक निर्देश (traffic instructions) देते हैं और यातायात के नियमों (traffic rules) का पालन भी कराते हैं.
जुर्माने का अधिकार (right of fine) अगर कोई व्यक्ति सड़क पर अवैध रूप से वाहन चलाता है या किसी भी प्रकार का वाहन चलाते वक्त यातायात के नियमों का उल्लंघन (Violation of traffic rules) करता है, तो ट्रैफिक पुलिस कानूनी रूप से उसका चालान करने या उस पर जुर्माना करने का अधिकार (right to fine) रखती है. यही वजह है कि यातायात पुलिस सड़कों पर चलने वाले वाहनों की स्थिति पर नजर रखती है और यातायात को नियंत्रित करती है. असल बात ये है कि शहर या इलाका छोटा हो या बड़ा, बढ़ते ट्रैफिक की वजब से सभी जगह सरकार और प्रशासन को ट्रैफिक पुलिस की ज़रुरत होती है. यातायात पुलिस एक पूर्ण सेवा पुलिस है.
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ट्रैफिक पुलिस की स्थापना (Establishment of traffic police) पुलिस के इतिहास पर अगर नजर डालें तो ऐसा लगता है कि यातायात पुलिस (Traffic police) का आगाज सामान्य पुलिस (Police) से पहले ही हो गया था. ऐसा माना जाता है कि लगभग तीन शताब्दियों (three centuries) से ट्रैफिक पुलिस किसी न किसी रूप में मौजूद रही है. जानकारी के मुताबिक अठारहवीं शताब्दी के दौरान सड़क यातायात बढ़ने लगा था. वाहनों की संख्या और रफ्तार दोनों बढ़ रहे थे. ऐसे में इसके लिए कुछ कानूनी नियम बनाने की ज़रूरत महसूस होने लगी.
इसी के चलते सन् 1722 में लंदन के तत्कालीन लॉर्ड मेयर (lord mayor) ने यातायात व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाने के लिए तीन लोगों की नियुक्त की. उन तीनों को लॉर्ड मेयर की तरफ से निर्देशित किया गया कि शहर में यातायात बाईं ओर रहे और लंदन ब्रिज (London Bridge) पर न रुके. और इस काम को अंजाम देने वाले उन तीन लोगों को ही संभवत: दुनिया की पहली ट्रैफिक पुलिस (first traffic police) माना जाता है.

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