
Lakhimpur kheri Violence Case: लखीमपुर हिंसा में पुलिस की जांच से क्या निकलेगा ?
ABP News
Lakhimpur kheri Violence Case: किसानों का आरोप है कि उन्हें गाड़ी से कुचला गया. मंत्री का आरोप है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ, किसान पक्ष के लोगों नें उनके समर्थकों की हत्या कर दी.
Lakhimpur kheri Violence Case: लखीमपुर में हिंसा में 9 लोगों की मौत हुई है. आरोप है कि 4 किसानों को गाड़ी से रौंद कर मारा गया. गुस्साई भीड़ नें केन्द्रीय मंत्री टेनी के 4 समर्थकों को मार डाला. इस पूरे बवाल में एक पत्रकार की भी हत्या की गई. दोनों तरफ से अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं. किसानों का आरोप है कि उन्हें गाड़ी से कुचला गया. मंत्री का आरोप है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ, किसान पक्ष के लोगों नें उनके समर्थकों की हत्या कर दी. दोनों तरफ से कई वीडियो सोशल मीडिया पर डाले गए हैं. एक वीडियो में बीजेपी मंत्री के समर्थक ड्राइवर को पीटते दिखाया गया है, तो दूसरे वीडियो में एक गाड़ी को किसानों पर चढ़ाते दिखाया गया है. अब सवाल है कि क्या ये सारे वीडियो सही हैं ? इस पूरे केस की जांच पुलिस कैसे करेगी ? इस जांच से क्या निकल सकता है? पुलिस अगर फॉरेन्सिक जांच करती है. और फारेन्सिक एक्सपर्ट को ग्राउंड पर वक्त रहते उतारा जाता है तो कई चीज़ें साफ हो सकती हैं.
गाड़ी की फॉरेन्सिक जांच- जिस गाड़ी को वीडियो में पलटते दिखाया गया है और दूसरे वीडियो में इसी गाड़ी को किसानों पर चढ़ाते दिखाया गया है ये सीन ऑफ क्राइम का सबसे बड़ी केस प्रापर्टी है. इसकी जांच से बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है. जांचकर्ता इस गाड़ी से सबूतों को टेस्ट कर ये पता लगा सकते हैं कि, क्या वाकई जो गाड़ी वीडियो में दिख रही है ये वही गाड़ी है, जिससे किसानों को कुचला गया? इस गाड़ी में मौजूद बायोलोजिकल सबूतों से ये बात साबित की जा सकती है कि इस गाड़ी को कौन चला रहा था? और साथ में कितने लोग बैठे थे. ये गाड़ी दूसरे सवाल का जवाब भी दे सकती है कि क्या गाड़ी किसानों पर चढ़ाई गई थी और इस गाड़ी की चपेट में कौन-कौन आया. गाड़ी के अगले हिस्से में ट्रेस एविडेन्स मौजूद होंगे जो अदालत में इस बात को साबित करेंगे कि इस गाड़ी से हत्या जैसी वारदात को अंजाम दिया गया था या नहीं.