
Krushna Abhishek and Govinda: जब नंगे पांव भांजे को कंधे पर बैठाकर वैष्णो देवी के दरबार तक पैदल की चढ़ाई, मामा ने इस तरह की थी मन्नत पूरी
ABP News
ये किस्सा खुद गोविंदा (Govinda) ने एक इंटरव्यू में सुनाया था. जब मां के दरबार में मांगी मन्नत के बाद पैदा हुए थे कृष्णा अभिषेक (Krushna Abhishek).
Govinda Love for Krushna Abhishek: कहते हैं रिश्ते अगर खून के हों तो फिर कितनी ही दूरियां क्यों ना आ जाए अंत में सब एक हो ही जाते हैं. परिवार में अक्सर मतभेद और मनभेद होते ही रहते हैं लेकिन सही वक्त आने पर सभी गलतफहमियां दूर भी हो जाती है. कृष्णा अभिषेक और गोविंदा (Krushna Abhishek and Govinda) के बीच भी इन दिनों कुछ दूरियां हैं, विवाद हैं और मनभेद भी. लेकिन खून का रिश्ता है तो एक दिन ये दूरियां मिट ही जाएंगीं. क्योंकि वो गोविंदा (Govinda) ही तो थे जिन्होंने मांगी थी कृष्णा अभिषेक (Krushna Abhishek) के लिए मन्नत. तब मुरादों के बाद पैदा हुए थे कृष्णा
कंधे पर बैठाकर की थी वैष्णों देवी की चढ़ाईये किस्सा खुद गोविंदा ने एक इंटरव्यू (Govinda Interview) में सुनाया था. उन्होंने बताया था कि उनकी बहन शादी के कई साल बाद भी औलाद ना होने के कारण काफी दुखी थीं. तब गोविंदा ने ये मन्नत ली थी कि अगर उनकी बहन मां बनीं तो वो उनके बच्चे को मां के दरबार में हाजिरी के लिए लाएंगे और गोविंदा की इस मन्नत के बाद कृष्णा अभिषेक (Krushna Abhishek) का जन्म हुआ था. तब अपनी इस मन्नत को पूरी करने के लिए गोविंदा ने नंगे पांव मां के दरबार तक कृष्णा को कंधे पर बैठाकर चढ़ाई की थी और मां के दरबार में माथा टेका था.