Krishan Leela : राधा जी की सखी चंपकलता ने पहली बार बनाए थे 16 व्यंजन, 56 भोग, जानिए किस्सा
ABP News
जब अच्छे खानपान की बात आती है तो हम आप अक्सर 16 व्यंजन और 56 भोग का नाम सुनते हैं, लेकिन इसकी शुरुआत की कहानी बेहद रोचक है.
Krishan leela : ब्रज में इंद्र की पूजा बंद कराए जाने से नाराज इंद्र ने जल प्रलय ला दिया था. इससे ब्रजवासियों को बचाने के लिए श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठा लिया. मान्यता है कि इस दौरान उन्हें लगातार सात दिन भूखे रहना पड़ा. इसके बाद उन्हें सात दिन और आठ पहर के हिसाब से कुल 56 व्यंजन खिलाए गए थे. माना जाता है तभी से '56 भोग' परम्परा की शुरू हुई थी. इसके अलावा एक और किवदंती है, जिसके मुताबिक राधारानी की आठ सखियां थीं, जिन्हें अष्टसखी कहा गया. इनमें शामिल चंपकलता व्यंजन तैयार करने और बर्तन बनाने में निपुण थीं. इसी कारण था कि वह श्रीकृष्ण की रसोई सेवा करती थीं. राधा और श्रीकृष्ण की पसंद का व्यंजन और भोग बनाया करती थीं. चंपकलता के हाथों से बनाए 16 व्यंजन और 56 भोग के स्वाद के कृष्ण दीवाने थे. मान्यता है कि करहला गांव की रहने वाली चंपकलता श्रीकृष्ण से बेहद प्रेम करती थीं. उनका अंगवर्ण बिल्कुल चंपा के फूल की तरह थी, यही वजह थी कि उन्हें चंपकलता कहा जाता था. चंपकलता प्राय: नीली साड़ी या धोती पहनती थीं. अपनी पाक कुशलता के चलते श्रीकृष्ण भी उनके प्रति विशेष अनुराग रखते थे.More Related News