Judicial Appointment: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा- न्यायपालिका की स्वंतत्रता के साथ कोई समझौता नहीं, जजों की चयन प्रक्रिया में सुधार की जरुरत
ABP News
Judicial Appointment: राष्ट्रपति ने कहा- शुरुआत से ही न्यायपालिका ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए आचरण के उच्चतम मानकों का लगातार पालन किया किया है.
Presidential on Judicial Appointment: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि यह न्यायाधीशों का दायित्व है कि वे अदालत कक्षों में अपनी बात कहने में अत्यधिक विवेक का प्रयोग करें क्योंकि अविवेकी टिप्पणी, भले ही अच्छे इरादे से की गई हो, वह न्यायपालिका के महत्व को कम करने वाली संदिग्ध व्याख्याओं को जगह देती है. उच्चतम न्यायालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय संविधान दिवस कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा कि भारतीय परंपरा में, न्यायाधीशों की कल्पना 'स्थितप्रज्ञ' (स्थिर ज्ञान का व्यक्ति) के समान शुद्ध और तटस्थ आदर्श के रूप में की जाती है.
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण ने अपने संबोधन में कहा कि विधायिका कानूनों के प्रभाव का आकलन या अध्ययन नहीं करती है, जो कभी-कभी ‘‘बड़े मुद्दों’’ की ओर ले जाते हैं और परिणामस्वरूप न्यायपालिका पर मामलों का अधिक बोझ पड़ता है. वहीं, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि ऐसी स्थिति में नहीं रहा जा सकता, जहां विधायिका द्वारा पारित कानूनों और न्यायपालिका द्वारा दिए गए फैसलों को लागू करना मुश्किल हो.