Jawaharlal Nehru Death Anniversary: अच्छे संबंध ना होने के बावजूद राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने नेहरू को बनाया 'भारत रत्न'
ABP News
तात्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के संबंध अपने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से ठीक नहीं थे. दोनों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद थे. इसके बावजूद राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने नेहरू को भारत रत्न प्रदान करने की पूर्ण जिम्मेदारी स्वीकार की.हालिया बरसों में सूचना के अधिकार पर काम करने वाले उत्साही कार्यकर्ताओं द्वारा नेहरू, इंदिरा, प्रसाद, गिरि सहित अन्य गणमान्य नागरिकों को भारत रत्न देने संबंधी रिकॉर्ड की मांग की गई.
Jawaharlal Nehru Death Anniversary: सन् 1955 की गर्मियों में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उनकी खुद की सरकार द्वारा भारत रत्न देने की घोषणा की गई. नेहरू उस वक्त यानी 1955 की जून-जुलाई में यूरोप के दौरे पर थे और यूरोप के विभिन्न देशों में तैनात भारत के राजनयिकों को साल्जबर्ग में संबोधित कर रहे थे, ऑस्ट्रेलिया के चॉन्सलर जूलियस राब से वियना में भेंट कर रहे थे. देश का यह शीर्ष सम्मान जब उन्हें देने की घोषणा की गई, उस समय वे वियना में ही थे. “कला, साहित्य और विज्ञान के उत्थान तथा सार्वजनिक सेवाओं में उच्चतम प्रतिमान स्थापित करने वालों के लिए” स्थापित किए गए भारत रत्न सम्मान का यह द्वीतिय वर्ष था. भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी अध्यादेश के तहत इसे कायम किया गया था. प्रथम भारत रत्न सम्मान, अपने स्थापित किए जाने के वर्ष 1954 में सी राजगोपालाचारी, सीवी रमन और एस राधाकृष्णन को प्रदान किया गया था. यह निर्णय अवैधानिक है- राजेंद्र प्रसादMore Related News