Janmashtami Katha 2021: भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में लिया था आठवां अवतार, जन्म लेते ही हुई थी आकाशवाणी, पढ़ें श्री कृष्ण जन्मकथा
ABP News
जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्मटी के दिन श्री कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था.
Janmashtami Katha 2021: जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्मटी के दिन श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. श्री कृष्ण का जन्म मथुरा की कारागर में रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. जब भाद्रपद मास की अष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र हो तो उसे बहुत ही शुभ माना जाता है. इस साल जन्माष्टमी 30 अगस्त 2021 को मनाई जा रही है. देशभर में जन्माष्टमी को लेकर लोगों में खासा क्रेज देखने को मिल रहा है. बाजार लड्डू गोपाल के वस्त्रों से सजे पड़े हैं. श्री कृष्ण का जन्म वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से आंठवी संतान के रूप में हुआ था. जन्म के बाद श्री कृष्ण को गोकुल यशोदा भेज दिया गया था. आइए डालते हैं श्री कृष्ण की जन्म कथा पर एक नजर- जन्माष्टमी जन्मकथा (janmashtami birth story)श्री कृष्ण का जन्म मथुरा के उग्रसेन राजा के बेटे कंस का वध करने के लिए हुआ था. पौराणिक कथाओं के अनुसार द्वापर युग में मथुरा के उग्रसेन राजा के बेटे कंस ने उन्हें सिंहासन से उतार कर कारगार में बंद कर दिया था और खुद को मथुरा का राजा घोषित कर दिया था. राजा की एक बेटी और एक बेटा था. बेटा कंस और बेटी देवकी. देवकी का विवाह वासुदेव के साथ तय कर दिया गया और बड़ी धूम-धाम के साथ वासुदेव के साथ उनका विवाह कर दिया गया. लेकिन जब कंस देवकी को हंसी-खुसी रथ से विदा कर रहा था, उस समय आकाशवाणी हुई की, देवकी का आठवां पुत्र ही कंस का वध करेगा.More Related News