J-K: वोटर लिस्ट में 7 लाख से ज्यादा नाम जुड़े, कुल 83,59,771 मतदाता करेंगे वोटिंग
AajTak
जम्मू कश्मीर के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनिल सलगोत्रा ने बताया कि अंतिम मतदाता सूची में 7,72,872 मतदाताओं की बढ़ोतरी हुई है. यानी मसौदा सूची के मुकाबले पंजीकृत मतदाताओं में 10.19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. सालगोत्रा ने बताया कि जम्मू और कश्मीर के इतिहास में यह पहली बार है कि विशेष पुनरीक्षण अभियान के दौरान मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए 11 लाख से ज्यादा आवेदन एक प्राप्त हुए.
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच अंतिम मतदाता सूची शुक्रवार को प्रकाशित कर दी गई है, जिसमें रिकॉर्ड 11 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम जोड़े गए. अधिकारियों ने बताया कि सूची से कुछ मतदाताओं के नाम हटाए भी गए हैं. इस लिहाज से सूची में कुल 7,72,872 लाख नए वोटर्स का इजाफा हुआ है. अंतिम मतदाता सूची में कुल 83,59,771 मतदाता हैं. इनमें 42,91,687 पुरुष और 40,67,900 महिलाएं हैं. इसके अलावा, 184 थर्ड जेंडर शामिल हैं.
मतदाता सूची जारी होने से केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराए जाने का रास्ता साफ हो गया है. जम्मू कश्मीर से साल 2019 में अनुच्छेद 370 को पहले ही हटा दिया गया था. इसके साथ ही यहां से विशेष दर्जा वापस ले लिया गया था, जिसके बाद अब पहले विधानसभा चुनाव होंगे.
जम्मू कश्मीर के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनिल सलगोत्रा ने बताया कि अंतिम मतदाता सूची में 7,72,872 मतदाताओं की बढ़ोतरी हुई है. यानी मसौदा सूची के मुकाबले पंजीकृत मतदाताओं में 10.19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. सालगोत्रा ने बताया कि जम्मू और कश्मीर के इतिहास में यह पहली बार है कि विशेष पुनरीक्षण अभियान के दौरान मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए 11 लाख से ज्यादा आवेदन एक प्राप्त हुए. स्पेशल समरी रिवीजन (एसएसआर) के दौरान सबसे ज्यादा संख्या पहले दो लाख से कम थी.
वहीं, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस ने अंतिम मतदाता सूची में बाहरी मतदाताओं के शामिल होने की आशंका जताई है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने कहा- हमारी आशंका है कि घोषणा के अनुसार जम्मू-कश्मीर के बाहर से कुछ अपात्र मतदाताओं को जोड़ा गया है. शर्मा ने अगस्त में एक चुनाव अधिकारी द्वारा की गई घोषणा का जिक्र किया.
सालगोत्रा बताया कि इस विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अवधि के दौरान पूरे केंद्र शासित प्रदेश में मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए फॉर्म 6 के माध्यम से रिकॉर्ड 11,40,768 दावे प्राप्त हुए. इनमें से 11,28,672 दावे स्वीकार किए गए और सिर्फ 12,096 दावे खारिज किए गए. इनमें 18-19 आयु वर्ग में शामिल होने के 3,01,961 दावे शामिल थे. नाम हटवाने के लिए कुल 4,12,157 अनुरोध प्राप्त हुए, जिनमें से 3,58,222 को स्वीकार किया गया और 53,935 को अस्वीकार कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में 613 नए मतदान केंद्र जुड़े हैं. अंतिम मतदाता सूची का लिंग अनुपात 921 से बढ़कर 948 हो गया है. लिंग अनुपात में 27 अंकों की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो जम्मू और कश्मीर की जनगणना के लिंग अनुपात से बहुत अधिक है.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.