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IT एक्ट के सेक्शन 66A के इस्तेमाल पर SC: 'जो चल रहा है वो भयावह है'
The Quint
it act supreme court: सुप्रीम कोर्ट ने आईटी कानून के सेक्शन 66A के लगातार इस्तेमाल पर 'हैरानी' और 'नाराजगी' जताई. कोर्ट ने 2015 में इस सेक्शन को रद्द कर दिया था, supreme court calls continuous use of it act scrapped section 66a shocking and terrible
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आईटी कानून के सेक्शन 66A (IT Act Section 66A) के लगातार इस्तेमाल पर 'हैरानी' और 'नाराजगी' जताई है. कोर्ट ने 2015 में एक ऐतिहासिक फैसले में इस सेक्शन को रद्द कर दिया था. इस सेक्शन के तहत पुलिस ऑनलाइन 'आपत्तिजनक' कंटेंट पोस्ट करने वाले लोगों को गिरफ्तार कर सकती थी.जस्टिस रोहिंटन नरीमन, केएम जोसेफ और बीआर गवई की बेंच ने कहा, "ये चौंकाने वाला है. हम नोटिस जारी करेंगे." NGO पीपल यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि केंद्र को निर्देश दिया जाए. याचिका में कहा गया कि केंद्र को सभी पुलिस स्टेशनों को बताना चाहिए कि सेक्शन 66A के तहत FIR नहीं करनी है.ADVERTISEMENTजब सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि आईटी कानून के इस सेक्शन के तहत 1000 से ज्यादा केस दर्ज हुए हैं, तो जस्टिस नरीमन ने कहा, "गजब है! जो चल रहा है वो भयावह है."सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च 2015 को इस सेक्शन को 'अस्पष्ट', 'असंवैधानिक' और 'बोलने की आजादी का उल्लंघन' करार देते हुए रद्द कर दिया था.ADVERTISEMENTसेक्शन रद्द होने के बाद बढ़े केस?याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील संजय पारिख ने कोर्ट से कहा कि 'सेक्शन 66A के रद्द होने से पहले 11 राज्यों में 229 मामले थे, जबकि उसके बाद से आंकड़ा 1307 हो गया है और 570 अभी भी पेंडिंग है.'पारिख ने कहा, "लोग परेशान हो रहे हैं. केंद्र सभी FIR और सक्रिय जांच का डेटा इकट्ठा करे और वो केस भी देखे जाएं जो अभी पेंडिंग है."(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)ADVERTISEMENTPublished: 05 Jul 2021, 12:55 PM IST...More Related News