
ISRO के मिशन अंतरिक्ष में रुकावट: सैटेलाइट कक्षा में स्थापित नहीं हो पाया GISAT-1, सेना-कृषि में मदद के लिए होना था इस्तेमाल
ABP News
आज का मिशन जीएसएलवी लॉन्च का 14वां मिशन था. अब तक 8 पूरी तरह सफल रहे हैं जबकि 4 असफल और 2 आंशिक रूप से सफल रहें हैं.
श्रीहरिकोटा: इसरो ने आज सुबह 5.43 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से जीएसएलवी F -10 (मार्क 2) के जरिए अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट का दूसरे लॉन्च पैड से प्रक्षेपण किया. जीएसएलवी यानी जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल, जो अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS -03) को अंतरिक्ष के जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में स्थापित करने वाला था. लेकिन तीसरे स्टेज सेपरेशन के दौरान क्रायोजेनिक इंजन में कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण सैटेलाइट ट्रेजेकटरी से अलग हो गया. सैटेलाइट को जियो स्टेशनरी ऑर्बिट में स्थापित करना था. इस लॉन्च के लिए उल्टी गिनती बुधवार सुबह 03.43 को शुरू हो गई थी. पूरा मिशन 18 मिनट 36 सेकेंड ने पूरा होना था, लेकिन मिशन के लॉन्चिंग के 10 मिनट के भीतर ही मिशन कंट्रोल रूम तनावपूर्ण माहौल देखा गया. जिससे ये लगने लगा कि मिशन के तीसरे भाग में कुछ तकनीकी खराबी देखी गई है. कुछ मिनटों में इसरो चीफ के सीवन ने देश को बताया कि मिशन पूरा नहीं हो सका, क्योंकि क्रायोजेनिक इंजन के परफॉर्मेंस में एनोमली ऑब्जर्व की गई है. यानी ऐसी कोई तकनीकी दिक्कत जिसके चलते डाटा इसरो तक नहीं आ पा रहा था और अपने पथ से अलग हो गया.More Related News