IPC Section 48: 'जलयान' के बारे में बताती है आईपीसी की धारा 48, जानें परिभाषा
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आईपीसी (IPC) की धारा 48 (Section 48) 'जलयान' शब्द को परिभाषित करती है. आइए जानते हैं कि आईपीसी (IPC) की धारा 48 जलयान के बारे में क्या बताती है?
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) जुर्म (Offence) और उसकी सजा (Punishment) के बारे में जानकारी देती है. साथ ही कानूनी तौर पर कई शब्दों (words) का अर्थ (Meaning) और उनकी परिभाषा (Definition) भी बताती है. ऐसे ही आईपीसी (IPC) की धारा 48 (Section 48) 'जलयान' शब्द को परिभाषित करती है. आइए जानते हैं कि आईपीसी (IPC) की धारा 48 जलयान के बारे में क्या बताती है?
आईपीसी की धारा 48 (IPC Section 48) भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 48 (Section 48) हमें जलयान (Vessel) के बारे में जानकारी देती है. यह धारा बताती है कि जलयान का मतलब आईपीसी में क्या है. IPC की धारा 48 के अनुसार 'जलयान' शब्द (Word) किसी चीज का द्योतक (Denotes) है, जो मानवों (human) के या सम्पत्ति (Property) के जल (water) द्वारा प्रवहण (Conveyance) के लिए बनाई गई हो.
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ये होती है आईपीसी (IPC) भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.
अंग्रेजों ने लागू की थी IPC ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.
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