
IPC Section 194: किसी को गंभीर मामले में फंसाने के लिए झूठे सबूत देना या गढ़ना बताती है ये धारा
AajTak
आईपीसी की धारा 194 (IPC Section 194) में मृत्यु से दंडनीय अपराध के लिए दोषसिद्ध कराने के आशय से मिथ्या साक्ष्य देना या गढ़ना बताया गया है. आइए जानते हैं कि आईपीसी (IPC) की धारा 194 इस बारे में क्या जानकारी देती है?
Indian Penal Code: भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में सबूतों (Evidence), बयानों (Statements) और जांच (Investigations) को लेकर भी कानूनी प्रावधान (Legal provisions) किए गए हैं. इसी तरह से आईपीसी की धारा 194 (IPC Section 194) में मृत्यु से दंडनीय अपराध के लिए दोषसिद्ध कराने के आशय से मिथ्या साक्ष्य देना या गढ़ना बताया गया है. आइए जानते हैं कि आईपीसी (IPC) की धारा 194 इस बारे में क्या जानकारी देती है?
आईपीसी की धारा 194 (Indian Penal Code Section 194) भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 194 (Section 194) में मौत की सजा का हकदार बनाने वाले अपराध में फंसाकर दोषसिद्ध कराने के मकसद से झूठे सबूत देना या गढ़ना बताया गया है. IPC की धारा 194 के अनुसार, जो कोई भारत में तत्समय प्रवृत्त विधि (Law for the time being in force) के द्वारा मृत्यु से दंडनीय अपराध के लिए किसी व्यक्ति को दोषसिद्ध कराने के आशय (Intent to convict) से या संभाव्यतः तद्द्वारा दोषसिद्ध (Convicted thereby) कराएगा, यह जानते हुए, मिथ्या साक्ष्य देगा या गढ़ेगा (Gives or fabricates false evidence), वह अपराधी (Offender) माना जाएगा.
सजा का प्रावधान (Punishment provision) ऐसा करने वाले दोषी को आजीवन कारावास (Life imprisonment) या दस वर्ष के लिए कठिन कारावास (Rigorous imprisonment) से दंडित किया जाएगा. साथ ही उस पर जुर्माना (Fine) किया जाएगा. या फिर उसे दोनों तरह से दंडित किया जाएगा. यह एक गैर-जमानतीय (Non-Bailable) और संज्ञेय अपराध (Cognizable offenses) है. जिसकी सुनवाई सेशन न्यायालय (Session Court) द्वारा की जा सकती है.
- अगर निर्दोष व्यक्ति उसके द्वारा दोषसिद्ध किया जाता है और उसे फांसी दे दी जाती है. तो ऐसा करने वाले दोषी को सजा-ए-मौत (Death sentence) या आजीवन कारावास (Life imprisonment) या दस वर्ष के कठिन कारावास (Rigorous imprisonment) से दंडित किया जाएगा. और उस पर जुर्माना (Fine) भी किया जाएगा. या फिर उसे दोनों ही तरह से सजा दी जाएगी. यह एक गैर-जमानतीय (Non-Bailable) और संज्ञेय अपराध (Cognizable offenses) है. जिसकी सुनवाई सेशन न्यायालय (Session Court) द्वारा की जा सकती है. इसे भी पढ़ें--- IPC Section 193: कानूनी कार्यवाही में दिए झूठे सबूत, तो इस धारा के तहत मिलेगी सजा
क्या होती है आईपीसी (IPC) भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.
अंग्रेजों ने लागू की थी IPC ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.

यूपी के बरसाना और नंदगांव में होली का त्योहार अद्भुत तरीके से मनाया जाता है. लड्डू मार होली और लट्ठमार होली यहां के प्रमुख आकर्षण हैं. राधा जी के मंदिर लाडली जी मंदिर में लड्डू मार होली होती है. इसके अलावा लट्ठमार होली में महिलाएं लाठियों से पुरुषों को मारती हुई दिखती हैं. इस वीडियो में देखिए बरसाना-नंदगांव की होली.

झारखंड के पलामू में हुए एनकाउंटर में कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू की मौत के बाद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट किया है. अनमोल ने अमन को अपना भाई बताते हुए लिखा कि जल्द ही सबका हिसाब होगा. अनमोल बिश्नोई पहले से ही मुंबई के बाबा सिद्दीकी हत्याकांड और सलमान खान के घर फायरिंग मामले में वांटेड है.

यूपी के बरसाना और नंदगांव में होली का त्योहार अद्भुत तरीके से मनाया जाता है. लड्डू मार होली और लट्ठमार होली यहां के प्रमुख आकर्षण हैं. राधा जी के मंदिर लाडली जी मंदिर में लड्डू मार होली होती है. इसके अलावा लट्ठमार होली में महिलाएं लाठियों से पुरुषों को मारती हुई दिखती हैं. इस वीडियो में देखिए बरसाना-नंदगांव की होली.

महाराष्ट्र के पालघर में एक सूटकेस से महिला का कटा हुआ सिर मिलने से सनसनी फैल गई. यह घटना पिरकुंडा दरगाह के पास हुई, जहां कुछ स्थानीय बच्चों ने लावारिस सूटकेस को देखा था. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी. फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है, जो सबूत इकट्ठा करने में जुटी हुई है.

लद्दाख के कारगिल में शुक्रवार तड़के 5.2 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके जम्मू-कश्मीर तक महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, यह भूकंप सुबह 2:50 बजे आया और इसकी गहराई 15 किलोमीटर थी. झटके इतने तेज थे कि लोगों की नींद खुल गई और कई लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए. हालांकि, अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है.

बॉलीवुड के 'परफेक्शनिस्ट' आमिर खान अपना 60वां जन्मदिन (14 मार्च ) मना रहे हैं, लेकिन क्या आपको उनके 90s के कुछ अनदेखे किरदार याद हैं? कभी गैंगस्टर, कभी क्रिकेटर तो कभी संपेरा.. आमिर ने अपने शुरुआती दौर में ऐसे किरदार निभाए जिन्हें देखकर पहचानना मुश्किल होगा! तो चलिए एक नजर डालते हैं 'मिस्टर परफेक्शनिस्ट' के अनदेखे किरदारों पर!