IPC Section 133: सैन्य अधिकारी-कर्मचारी से संबंधित है आईपीसी की धारा 133
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आईपीसी की धारा 133 में सेना, नौसेना और वायुसेना में तैनात अधिकारी और कर्मचारी के ऐसे बर्ताव के बारे में प्रावधान किया गया है, जो अपराध की श्रेणी में आता है. चलिए जानते हैं कि IPC की धारा 133 इस विषय में क्या जानकारी देती है?
Indian Penal Code: भारतीय दंड संहिता में सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर भी कई तरह के प्रावधान दर्ज हैं. इसी प्रकार से आईपीसी की धारा 133 में सेना, नौसेना और वायुसेना में तैनात अधिकारी और कर्मचारी के ऐसे बर्ताव के बारे में प्रावधान किया गया है, जो अपराध की श्रेणी में आता है. चलिए जानते हैं कि IPC की धारा 133 इस विषय में क्या जानकारी देती है?
आईपीसी की धारा 133 (Indian Penal Code Section 133) भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 133 (Section 133) में सैनिक (Soldier), नौसैनिक (Sailor) या वायु सैनिक (airman) द्वारा किसी वरिष्ठ अधिकारी (Senior Officer) जो कि अपने पद में है, हमला करने की धमकी (Threat to attack) देने के बारे में प्रावधान है. IPC की धारा 133 के अनुसार, जो कोई भी व्यक्ति भारत सरकार की सेना (Army), नौसेना (Navy), वायुसेना (Air Force) के किसी अधिकारी, सैनिक, नौसैनिक या वायु सैनिक द्वारा किसी वरिष्ठ अधिकारी जो कि अपने पद में है पर हमले का दुष्प्रेरण (Abetment of attack) करेगा, हमले की धमकी देगा, तो ऐसा अफसर या सैनिक अपराधी (Offender) माना जाएगा.
आसान शब्दों में कहें तो जो भी भारत सरकार की सेना, नौसेना या वायुसेना के किसी अधिकारी द्वारा किसी उच्च पद के अधिकारी को जो अपने पद पर तैनात है, पर हमला करने की धमकी देगा तो ऐसे किसी सैनिक को एक अवधि के लिए दंडित किया जाएगा.
सजा का प्रावधान (Punishment provision) ऐसा करने वाले सैनिक को एक अवधि के लिए कारावास की सजा (Sentence of imprisonment) हो सकती है, जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है. साथ ही उस पर जुर्माना (Fine) लगाकर भी दंडित किया जा सकता है. या फिर दोनों ही प्रकार से उसे दंडित किया जाएगा. यह एक संज्ञेय अपराध (Cognizable offence) है और समझौता करने योग्य नहीं (Not negotiable) है. इस तरह के मामले किसी भी प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट (First class magistrate) द्वारा विचारणीय (Considerable) है.
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क्या होती है आईपीसी (IPC) भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.