
India Today Conclave East 2022: खुद को सेक्युलर दिखाने के लिए लोग हिंदुत्व को गाली देते हैंः दिलीप घोष
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India Today Conclave: भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि रामेश्वरम में लोग शिव की अराधना कम कपड़ों में करते हैं. अमरनाथ में कंबल ओढ़कर. यहीं तो विविधता में एकता की निशानी है. लोगों ने हिंदुत्व को उपासना से जोड़ दिया है. बल्कि यह राष्ट्रीयता है.
एक भारत का क्या आयडिया है? क्या बंगाली अस्मिता अलग है. इस पर भाजपा सांसद और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि सबका अपना अस्तित्व है. तमिल हैं. मराठी हैं. शरीर एक है लेकिन हर अंग का काम अलग है. रूस भी एक देश था. जैसे थोड़े कमजोर हुए सब अलग हो गए. दुनिया में जहां भी जो नया विचार आया है, हमने उसका स्वागत किया. हमने हर धर्म को मौका दिया. सब पनप रहे हैं. हर भाषा के लोग हर भाषा वाले इलाके में जाते हैं. रामेश्वरम में बिना कपड़ों के पूजा करते हैं. अमरनाथ में दो कंबल ओढ़कर पूजा करते हैं.
भारत की जो मान्यताएं हैं, वो बंगाल में है. बंगाल के लोग टूटी-फूटी हिंदी में बात करते हैं. इसमें जब राजनीति आ जाती है, तब दिक्कत आती है. जब बांग्लादेश बनाना था, तब जय बांग्ला था. यहां कौन बांग्लादेश बनाना चाह रहा है. विविधता में एकता वाली बात है. ये बातें उन्होंने इंडिया टुडे कॉनक्लेव ईस्ट के दूसरे दिन हुए सेशन फ्लैशप्वाइंटः द आइडिया ऑफ वन इंडिया वर्सेज द प्राइड ऑफ रीज़नल आइडेंटिटी में कही.
हर भारतीय को अंग्रेजी के साथ दो-चार भारतीय भाषाएं सीखनी चाहिए
पिछले एक साल में बाहरी बनाम अंदरूनी का मुद्दा चल रहा है. इस पर दिलीप घोष ने कहा कि लालू के समय में भी तो ऐसे नारे आए थे. आसनसोल में जीतने के लिए बिहारी को लेकर आए. अरे भाई एक बिहारी सब पर भारी. हमारे यहां रीजनलिज्म से छुटकारा मिल रहा है. लेकिन कुछ लोग इससे बाहर नहीं निकलना चाहते. भारत में सभी लोग भारतीय हैं. हम हिंदुत्व को मानते हैं. यह उपासना पद्धत्ति नहीं है. यह राष्ट्रीयता है. दो-चार भाषा भी सीखना चाहिए.
जिन्होंने देवी-देवताओं के नग्न चित्र बनाएं, वो कहां हैं आज?
किसे क्या खाना चाहिए? हमारे देश में आमिष और निरामिष सब खाते हैं. स्वामी विवेकानंद बाहर गए सब खाकर आए. स्वामी शंकराचार्य ने कहा था कि अग्नि का गुण गर्माहट है. धर्म में सुधार कैसे आएगा. ये कोई नया विवाद नहीं है. अंग्रेजों के जमाने से ये होता आ रहा है. हुसैन ने देवी-देवताओं का नग्न चित्र बनाए. विरोध हुआ. वो बाहर चले गए. अब कहां है मुझे नहीं पता. बंगाल में सेक्युलर होने के नाम पर हिंदुत्व और हिंदू धर्म को गाली देते हैं. कम्यूनिस्ट लोग कहां हैं आज.

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