
IND vs ENG 4th Test: वाइजैग, राजकोट और अब रांची... भारत में आकर तहस-नहस हो गया इंग्लैंड का 'बैजबॉल'
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भारत ने इंग्लैंड के 'बैजबॉल गेम' का मुंहतोड़ जवाब दिया है और इसकी सूत्रधार भारत की युवा ब्रिगेड रही. इंग्लैंड ने हैदराबाद टेस्ट में भले ही टॉम हार्टले के दम पर भारत को पराजित कर दिया हो. मगर उसके बाद इंग्लिश टीम के 'बैजबॉल' गेम की हवा निकल गई.
भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ रांची टेस्ट मैच में पांच विकेट से जीत हासिल की. इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने टेस्ट सीरीज में 3-1 की बढ़त ले ली है. सीरीज जीत के साथ ही भारत ने इंग्लैंड की आक्रामक खेल की 'बैजबॉल' शैली को भी नाकाम साबित कर दिया. पिछले दो साल से इंग्लैंड की जीत का मंत्र साबित हुई इस शैली की अब आलोचना शुरू हो चुकी है.
इंग्लैंड के 'बैजबॉल' की हवा निकली!
ब्रैंडन मैक्कुलम के कोच और बेन स्टोक्स के कप्तान बनने के बाद से हर हालात में आक्रामक खेल की इंग्लैंड की रणनीति को 'बैजबॉल' कहा जाता है. भारत ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है और इसकी सूत्रधार भारत की युवा ब्रिगेड रही. इंग्लैंड ने हैदराबाद टेस्ट में भले ही टॉम हार्टले के दम पर भारत को पराजित किया. लेकिन उसके बाद उसके 'बैजबॉल' गेम की हवा निकल गई.
A fantastic victory in Ranchi for #TeamIndia 😎 India clinch the series 3⃣-1⃣ with the final Test to be played in Dharamsala 👏👏 Scorecard ▶️ https://t.co/FUbQ3MhXfH#INDvENG | @IDFCFIRSTBank pic.twitter.com/5I7rENrl5d
उदाहरण के लिए रांची टेस्ट में इंग्लैंड की दूसरी पारी को ले सकते हैं. उस इनिंग्स में इंग्लैंड ने 53.5 ओवर में 145 रन बनाए और उसका रनरेट 2.69 रन प्रति ओवर रहा. कहने का मतलब है कि इंग्लैंड को भी आखिकार अंदाजा हो गया कि भारत में उसका 'बैजबॉल' गेम चलने वाला नही हैं. अब भारत ऐसी पहली टीम बन गई है जिसने बैजबॉल एरा में इंग्लैंड के खिलाफ कोई टेस्ट सीरीज जीती.
टेस्ट सीरीज से पहले भारत को कुछ बड़े झटके लगे थे. विराट कोहली निजी कारणों और मोहम्मद शमी इंजरी के चलते टेस्ट सीरीज से बाहर हो गए थे. फिर केएल राहुल भी बीच सीरीज में इंजर्ड हो गए. हालांकि इन झटकों से भारतीय टीम का मनोबल टूटा नहीं. रोहित शर्मा की अगुवाई में युवा खिलाड़ियों ने मिले मौकों को खूब भुनाया.