
Holika Dahan करें, लेकिन हरे पेड़ की लकड़ी से नहीं बल्कि इन चीजों को जलाएं
Zee News
होलिका दहन के त्योहार में सिर्फ 4 दिन बाकी हैं. रविवार 28 मार्च को होलिका दहन मनाया जाएगा. इस दौरान बड़ी संख्या में देशभर में लोग लकड़ियां जलाकर होलिका दहन करते हैं जिसे ठीक नहीं माना जाता. होलिका दहन में क्या जलाना चाहिए, यहां पढ़ें.
नई दिल्ली: रंगों के त्योहार होली से ठीक एक दिन पहले होलिका दहन () मनाया जाता है जिसमें हर गली मुहल्ले और यहां तक की अब तो हर सोसायटी में भी लोग साथ मिलकर होलिका जलाते हैं. जिस जगह पर होलिका जलानी होती है, वहां पर हफ्तों पहले से लोग होलिका दहन के लिए लकड़ियां इक्ट्ठा करने लगते हैं. इनमें से अधिकतर लोगों को पता ही नहीं होता कि होलिका दहन में किस लकड़ी का इस्तेमाल (Wood) होना चाहिए और इसलिए वे बिना जाने समझे हरे पेड़ की लकड़ियां भी होलिका दहन में जला देते हैं जो सही नहीं है. धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो हर पेड़ पर किसी न किसी देवता का आधिपत्य होता है और पेड़ों में देवी-देवताओं का वास माना जाता है. यही कारण है कि अलग-अलग तीज-त्योहारों में अलग-अलग पेड़ों की पूजा (Worshipping Trees) करने का विधान हमारे शास्त्रों में बताया गया है. बरगद के पेड़ से लेकर पीपल का पेड़, शमी का पेड़, आम का पेड़, आंवले का पेड़, नीम का पेड़, केला का पेड़, अशोक का पेड़, बेलपत्र का पेड़- इन सभी की पूजा की जाती है. इसलिए होलिका दहन के मौके पर हरे पेड़ की लकड़ियों को भूलकर भी नहीं जलाना चाहिए.More Related News