Holi Weather Forecast: होली के दिन कैसा रहेगा दिल्ली का मौसम? यहां जानें अपडेट
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Holi Weather Forecast: गर्मी ने दस्तक तो दी है लेकिन सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण पसीना छुड़ा देने वाली गर्मी से लोगों का पाला नहीं पड़ा है. तापमान में शुक्रवार तक कमी बनी रहेगी और शनिवार से तापमान में दोबारा बढ़ोतरी होने के संकेत हैं.
राजधानी दिल्ली और आस-पास के इलाकों में पिछले कुछ दिनों से सुबह और शाम में ठंडी हवाएं चल रही हैं. गर्मी ने दस्तक तो दी है लेकिन सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण पसीना छुड़ा देने वाली गर्मी से लोगों का पाला नहीं पड़ा है. तापमान में शुक्रवार तक कमी बनी रहेगी और शनिवार से तापमान में दोबारा इजाफा होने के संकेत हैं. मौसम विभाग के अनुमान को मानें तो रविवार यानि 28 मार्च को तापमान पिछले कुछ दिनों के अधिकतम स्तर पर जा सकता है, जब अधिकतम तापमान 37 से 38 डिग्री तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है. 28 मार्च को ही होलिका दहन होगा, जबकि अगले दिन यानी 29 मार्च को होली खेली जाएगी. उस दिन तापमान भी 37 डिग्री के आसपास बना रहेगा.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
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हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.