
Health Tips: कोरोना काल में कैसे लें बेहतर सांस? जानिए डीप ब्रीदिंग लंग्स के लिए कितनी है जरूरी
ABP News
खुलकर सांस लेना आजकल के लाइफस्टाइल के लिये बेहद जरूरी है. हर दिन कुछ मिनट की डीप ब्रीदिंग कई तरह के स्ट्रेस और एंग्जाइटी से आराम दिला सकती है. कुछ देर गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज से फेंफड़े भी मजबूत होते हैं.
आजकल कोरोना वायरस की वजह से लोग परेशान हैं. ज्यादातर लोग घरों में रह रहे हैं. ऐसे में फिजिकल एक्टिविटी बहुत कम हो गई है. ऑफिस के काम या लैपटॉप और टीवी में हम इतने बिजी रहने लगे हैं कि शरीर के लिए जरूरी व्यायाम करने के लिए भी हमारे पास समय नहीं है. इससे हमारी ब्रीदिंग प्रोसेस भी प्रभावित हो रही है. हम धीरे-धीरे और गहरी सांस लेने की बजाय जल्दी-जल्दी और छोटी-छोटी सांस लेते हैं. लेकिन जल्दी सांस लेने से हमारी श्वसन प्रणाली पर बुरा असर पड़ता है. कई बार आपका ब्लडप्रेशर, हार्ट रेट और बॉडी टेम्परेचर भी सांस लेने की प्रकिया पर असर डालता है. हालांकि हर वक्त तो ब्रीदिंग प्रोसेस पर ध्यान नहीं दिया जा सकता लेकिन दिन में कम से कम एक बार 5-10 मिनट तक डीप ब्रीदिंग जरूर करनी चाहिए. आर्युवेद में तो गहरी सांस लेने का बहुत महत्व है और श्वसन तंत्र को मजबूत करने और पूरी बॉडी को बैलेंस करने के लिए सांस संबंधी योगआसन भी हैं.क्या है डीप ब्रीदिंग- जब आप खुलकर नाक के माध्यम से हवा अंदर खींचते हैं और फिर उसे धीरे से या तेजी से पेट को ढीला छोड़ते सांस बाहर निकालते हैं तो इसे डीप ब्रीद यानी गहरी सांस लेना बोलते हैं. इस प्रक्रिया में फेंफड़ों के अंदर अच्छी तरह हवा भर जाती है. जिससे उनको ज्यादा ऑक्सीजन मिल जाती है. प्राणायाम में डीप ब्रीदिंग पर ही फोकस किया जाता है. कपालभाति, अनुलोम विलोम भी गहरी सांस लेने और आपके पूरे श्वसन तंत्र को सही करने वाले योगा हैं.लंग्स के लिए जरूरी डीप ब्रीदिंग- दरअसल, गहरी सांस लेने का सबसे ज्यादा फायदा फेफड़े पर होता है. गहरी और लंबी सांस लेने से लंग्स के अंदर ज्यादा ऑक्सीजन जाती है और ये ऑक्सीजन नसों के माध्यम से पूरे शरीर में जाती है. डीप ब्रीदिंग को डायफ्राग्मेटिक ब्रीदिंग कहते हैं, जिसमें फेफड़ों से सांस लेते हैं. डायफ्राग्मेटिक ब्रीदिंग लंग्स की एक्सरसाइज है और इससे लंग्स मजबूत होते हैं.एंग्जाइटी में आराम-आजकल के रुटीन में लोगों को एंग्जाइटी की समस्या बहुत बढ़ गई है. एंग्जाइटी एक तरह का तनाव है, जिसमें बेचैनी होती है और कुछ लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत आती है. एंग्जाइटी में ट्रीटमेंट के अलावा डीप ब्रीदिंग से भी काफी आराम पड़ता है. इसलिए अगर किसी को ये परेशानी है तो रोज डीप ब्रीदिंग की एक्सरसाइज जरूर करें.More Related News