
GST मीटिंग में छा गए PTR-राज्यों, संघीय ढांचे को हुए नुकसान गिनाए
The Quint
PTR IN gst council meeting:GST मीटिंग में छा गए PTR-राज्यों, संघीय ढांचे को हुए नुकसान गिनाए gst council meeting tamil nadu FM Thiagarajan on modi government Nirmala Sitharaman
मौका था GST काउंसिल मीटिंग का. लेकिन इसमें पहली बार हिस्सा ले रहे तमिलनाडु के वित्त मंत्री त्यागराजन ने जो कुछ कहा है कि वो वाकई गंभीर बात है. उन्होंने जीएसटी की वजह से राज्यों को हो रही दिक्कतों का जिक्र किया और कहा कि कैसे इस राष्ट्र के संघीय ढांचे पर लगातार आघात किया जा रहा है. उन्होंने आगाह किया कि राष्ट्र और राज्यों से ही बना है, ऐसे में राज्यों के साथ ये सलूक ठीक नहीं.7 महीने के अंतराल के बाद हुई यह GST काउंसिल मीटिंग, DMK के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार की पहली GST काउंसिल मीटिंग थी. इस मौके का उपयोग वहां के वित्त मंत्री ने GST की खामियों ,राज्यों की कमजोर होती वित्तीय शक्तियां और राज्य-केंद्र के बीच घटते भरोसे की ओर सबका ध्यान आकर्षित करने के लिए किया. उन्होंने कहा- सिस्टमैटिक कमियों के कारण भुगतान में देरी और उसकी क्षतिपूर्ति वसूली के लिए कठोर कार्यवाही और पेनल्टी वाले कानूनों को लागू करने की रणनीति ने टैक्सपेयर्स को नाराज किया है. टैक्स को सिर्फ केंद्र सरकार के नियंत्रण वाले अकाउंट में जमा करने और राज्यों को उनका बकाया फंड नहीं मिलने के कारण राज्य सरकारों के बीच निराशा और नाराजगी बढ़ रही है और उन्हें उन फंड्स के लिए भी हल्ला करना पड़ता है जिसको पाना उनका कानूनी अधिकार है.GST सेक्रेटेरिएट का डिजाइन,लोकेशन और ऑपरेशन मॉडल पर पुनर्विचार करने की और उसे और ज्यादा मजबूत करने की जरूरत है.हर एक मुद्दे को GST काउंसिल में लाने की वर्तमान प्रक्रिया बेहद कमजोर है- जहां विभिन्न भाषाओं में असहज और अलग-अलग स्तर की जानकारी रखने वाले सदस्य, बिना पूर्व चर्चा या आम सहमति पर पहुंचने का प्रयास किये, 3 महीने में एक बार मिलते हैं. इसकी जगह GST सिस्टम में एक निरंतर, कुशल और समावेशी प्रक्रिया होनी चाहिए जहां अंत में सीधे काउंसिल द्वारा अप्रूवल हो. इसके अलावा वास्तविक शक्तियों को ऐसे संस्थाओं के हाथ में सौंपना जो सीधे GST काउंसिल से नहीं जुड़ीं हैं, जैसे CBIC की टैक्स रिसर्च यूनिट ,अपने आप में संवैधानिक वैधता और बुनियादी क्षमता दोनों का प्रश्न खड़ा करती है.गंभीर चिंताओं के बावजूद GST का लागू होना कई राज्यों की ओर से 'एक्ट ऑफ फेथ' था क्योंकि उन्हें लगा था कि प्रधानमंत्री उसी तरह राज्यों के हकों की सुरक्षा के पक्षधर रहेंगे जैसे वो गुजरात के...More Related News