
Garuda Purana: मृत्यु के बाद क्यों जरूरी माना गया है पिंडदान, जानें ये कारण
Zee News
किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसका पिंडदान (Pind Daan) करना अनिवार्य माना गया है. ऐसा न करने पर उस व्यक्ति की आत्मा को कष्ट भोगना पड़ता है.
नई दिल्ली: भारतीय संस्कारों में किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसका पिंडदान (Pind Daan) करना अनिवार्य माना गया है. माना जाता है कि ऐसा करने पर मरने (Death) वाले व्यक्ति की आत्मा भूलोक पर भटकती रहती है और उसे मुक्ति नहीं मिलती. गरुड़ पुराण (Garuda Purana) में मरने वाले व्यक्ति के लिए दस दिनों तक पिंडदान (Pind Daan) जरूरी बताया गया है. माना जाता है कि जिस व्यक्ति के परिजन पिंड दान नहीं करते, ऐसे लोगों की आत्मा को यमदूत 13वें दिन घसीटते हुए यमलोक तक ले जाते हैं. ऐसा व्यक्ति प्रेत बनकर इधर उधर भटकता रहता है.More Related News