G7 Summit: कोरोना वैक्सीन से क्लाइमेट चेंज, किन मुद्दों पर चर्चा?
The Quint
G7 Summit: इंग्लैंड के कॉर्नवेल में G7 समिट शुरू हो गया है और दुनिया की सात बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेता कई मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं, g7 countries to discuss corona vaccine, global minimum tax and climate change in england’s cornwall summit
इंग्लैंड के कॉर्नवेल में G7 समिट शुरू हो गया है और दुनिया की सात बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेता कई मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं. राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए ये समिट अहम है क्योंकि उन्हें दुनिया को संदेश देना है कि अब वो बदले हुए अमेरिका से डील करेंगे. समिट में कोरोनावायरस वैक्सीन, ग्लोबल मिनिमम टैक्स और क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दे प्रमुखता से उठाए जाएंगे.इस समिट में सबसे बड़ा ऐलान 1 बिलियन कोरोना वैक्सीन दुनिया को डोनेट करने का हो सकता है. G7 देश- ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, कनाडा और यूएस महामारी से लड़ने में आर्थिक रूप से कमजोर देशों की मदद कर सकते हैं.राष्ट्रपति बाइडेन ने 500 मिलियन कोविड वैक्सीन डोज देने का वादा किया है. ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने भी इसी तर्ज पर 100 मिलियन डोज डोनेट करने का ऐलान कर दिया है. ऐसी संभावना है कि सातों देश कुल मिलाकर 1 बिलियन डोज डोनेट कर सकते हैं. ADVERTISEMENTग्लोबल मिनिमम टैक्स का भी रास्ता साफ होगाकुछ दिन पहले ही G7 देशों के वित्त मंत्रियों ने 15 फीसदी के ग्लोबल मिनिमम टैक्स पर हामी भरी थी. उम्मीद की जा रही है कि 11 जून को समिट के पहले दिन सातों देश इसे औपचारिक रूप से अपना लेंगे.ये टैक्स मल्टीनेशनल कंपनियों पर लगाया जाएगा. इसका मकसद कंपनियों के प्रॉफिट को कम टैक्स वाले देशों में शिफ्ट करने से रोकने का है. मिनिमम टैक्स से टैक्स हेवन देशों पर निशाना साधा गया है.ग्लोबल मिनिमम टैक्स बाइडेन प्रशासन की जीत होगी क्योंकि उसी ने इसे प्रस्तावित किया था. प्रशासन इसके जरिए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की फंडिंग का लक्ष्य रख रहा है और साथ ही कुछ यूरोपियन देशों के लगाए हुए डिजिटल सर्विस टैक्स से बचने का तरीका भी मान रहा है. क्लाइमेट चेंज भी समिट के एजेंडे पर रहेगा. कॉर्नवेल सैंकड़ों प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो गए हैं और G7 लीडर्स से क्लाइमेट चेंज पर कड़े कदम उठाने की अपील कर रहे हैं.ADVERTISEMENTक्या है G7?ये सात देशों का एक अनौपचारिक समूह है. अनौपचारिक कहने का मतलब है कि NATO की तरह इसका कोई कानूनी या वैधानिक आधार नहीं है.इस समूह के सातों देश मिल कर दुनिया की लगभग 40 फीसदी जीडीपी और 10 फीसदी आबादी प्रतिनिधित्व करते हैं. G7 समिट में होने वाले वादों को उसके सदस्य देशों की सांसदों को पास करना होता है.1998 में रूस भी जुड़ा था और G8 ...More Related News