
Explainer: बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर का खतरा? जानिए कितना गहरा है ये संकट
ABP News
जानकारों का मानना है कि तीसरी लहर से निपटने में वैक्सीनेशन की अहम भूमिका होगी, लिहाजा जितनी तेजी से बड़ी आबादी का टीकाकरण हो जाएगा, उतनी ज्यादा जानें बचाई जा सकेंगी.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की दूसरी लहर में बच्चे भी संक्रमित हुए हैं. अब कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का आना भी लगभग तय माना जा रहा है. संक्रमण की दर और टीके की कमी को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि तीसरी लहर बच्चों पर सबसे ज्यादा असर डालेगी. इस वजह से अभिभावकों में काफी दहशत और भ्रम की स्थिति है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि माता-पिता को वायरस से डरना नहीं चाहिए क्योंकि इसका बच्चों पर कोई गंभीर प्रभाव नहीं होगा. एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि कोविड की आगामी लहर में बच्चों में काफी संक्रमण फैलेगा या उनमें ज्यादा मामले आएंगे. "बच्चों के बुरी तरह से प्रभावित होने का नहीं है संकेत"रणदीप गुलेरिया ने कहा है, 'अगर हम पहले और दूसरे चरण के आंकड़ों को देखते हैं तो यह काफी मिलता-जुलता है. यह दिखाता है कि बच्चे सामान्य तौर पर सुरक्षित हैं और अगर उनमें संक्रमण होता भी है तो उनमें मामूली संक्रमण आता है. वायरस बदला नहीं है इसलिए इस तरह के संकेत नहीं हैं कि तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे. अभी तक साक्ष्य नहीं मिला है कि आगामी लहर में बच्चों में इसका गंभीर संक्रमण होगा या उनमें ज्यादा मामले आएंगे.'More Related News