Explained: सरकारी संपत्ति की फरोख्त, हाइवे, रेलवे, एविएशन और टेलीकॉम में हिस्सेदारी बेचकर मोदी सरकार 6 लाख करोड़ इकट्ठा करेगी
ABP News
निर्मला सीतारमण ने कहा- संपत्ति का स्वामित्व सरकार के पास बना रहेगा और एक निश्चित समय के बाद उनका नियंत्रण लौटाना अनिवार्य होगा. ये मौजूदा संपत्तियां हैं, जिनपर सरकार का स्वामित्व बना रहेगा.
नई दिल्ली: देश में बड़े स्तर पर सरकारी संपत्तियों का निजीकरण होने जा रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 6 लाख करोड़ रुपए की नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (एनएमपी) की घोषणा कर दी है. एनएमपी के तहत यात्री ट्रेन, रेलवे स्टेशन से लेकर हवाई अड्डे, सड़कें और स्टेडियम का मौद्रिकरण शामिल हैं. सरकार का कहना है कि इन बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निजी कंपनियों को शामिल करते हुए संसाधन जुटाए जाएंगे और संपत्तियों का विकास किया जाएगा. जानिए सरकार हाइवे, रेलवे और टेलीकॉम समेत 13 संपत्तियों में कितनी हिस्सेदारी बेच रही है. दरअसल एनएमपी के तहत वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2025 तक यानी चार सालों में केंद्र सरकार की मुख्य संपत्तियों के माध्यम से छह लाख करोड़ रुपए की निवेश संभावनाओं का अनुमान है.More Related News