
Explained: छह साल में राजद्रोह के 326 मामले दर्ज, महज छह को सजा, असम में सबसे ज्यादा केस
ABP News
सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर कहा- महात्मा गांधी जैसे लोगों को ‘‘चुप’’ कराने के लिए ब्रिटिश शासनकाल में इस्तेमाल किए गए प्रावधान को समाप्त क्यों नहीं किया जा रहा?
नई दिल्ली: भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह) पर सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी ने इस पर एक नई बहस शुरू कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून के दुरुपयोग पर गहरी चिंता जताई. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सवाल किया कि स्वतंत्रता संग्राम को दबाने के वास्ते महात्मा गांधी जैसे लोगों को ‘‘चुप’’ कराने के लिए ब्रितानी शासनकाल में इस्तेमाल किए गए प्रावधान को समाप्त क्यों नहीं किया जा रहा? कोर्ट ने यह टिप्पणी धारा 124 ए (राजद्रोह) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक पूर्व मेजर जनरल और ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ की याचिकाओं को सुनते हुए की. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ दर्ज राजद्रोह का मामला रद्द करने का आदेश दिया था.More Related News